खुशखबरी! प्रदेश में 6 हजार कॉलोनियां होंगी वैध, देखिए कहां और कब तक कर सकते हैं आवेदन
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खुशखबरी! प्रदेश में 6 हजार कॉलोनियां होंगी वैध, देखिए कहां और कब तक कर सकते हैं आवेदन

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की करीब 6 हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियां वैध (Regularisation of unauthorised colonies) होंगी. सरकार ने नियमितीकरण के लिए नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. इसके लिए आप भी आवेदन कर सकते हैं

खुशखबरी! प्रदेश में 6 हजार कॉलोनियां होंगी वैध, देखिए कहां और कब तक कर सकते हैं आवेदन

प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के हजारों लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. प्रदेश की करीब 6 हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियां वैध (Regularisation of unauthorised colonies) होंगी. सरकार ने उनके नियमितीकरण के लिए नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. नियमितीकरण के बाद इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को बिल्डिंग निर्माण की परमिशन भी मिल जाएगी और साथ ही बैंक लोन भी मिल सकेगा. मिली जानकारी के मुताबिक इस समय प्रदेश में करीब 6,876 अवैध कॉलोनियां हैं.

इनका होगा सेटलमेंट
इस लिस्ट में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल और इंदौर में हैं. नियमितीकरण का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि लोगों के अवैध मकान प्रक्रिया के तहत वैध हो जाने से उन्हें बैंक लोन की पात्रता मिल जाएगी. इसके साथ ही कॉलोनी में नगरीय निकाय के जरिए सड़क, बिजली, पानी की सुविधा भी जल्दी ही मिलने लगेगी. इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जिन मकानों में नक्शे से अधिक निर्माण किया है, उसमें अधिक निर्माण के लिए कंपाउंडिंग यानी समझौता शुल्क लेकर उसे सेटल किया जाएगा.

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28 फरवरी तक आवेदन
जिन लोगों ने परमिशन के बिना या दी गई परमिशन के विपरीत अधिक निर्माण कर लिया है, वो 28 फरवरी 2022 तक आवेदन कर 20% छूट का फायदा उठा सकते हैं. सरकार ने 10 अगस्त 2021 को कॉलोनियों के नियमितीकरण के संबंध में नगर पालिका अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया था. इसमें कॉलोनियों के नियमितीकरण के वैधानिक प्रावधान भी शामिल किए गए हैं. साथ ही अनुज्ञा के बिना अथवा अनुज्ञा के प्रतिकूल भवन बनाए जाने पर कम्पाउंडिंग की सीमा को 10 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है. बताया जा रहा है कि नगरीय निकायों में 31 अगस्त से 27 दिसंबर तक कम्पाउंडिंग के लिए 5320 आवेदन मिले हैं, जिसमें से 4264 केस को मंजूरी दे दी गई है. इससे निकायों को 54 करोड़ 45 लाख रुपए कम्पाउंडिंग शुल्क मिला है. इंदौर नगर निगम ने सबसे ज्यादा 1975 केस सेटल किए, जिससे निगम को 41 करोड़ 89 लाख रुपए मिले.

कुछ समय पहले इसे लेकर नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जानकारी दी थी कि कैबिनेट में 6 हजार कॉलोनियों को वैध करने की मंजूरी मिल गई है. कॉलोनाइजर्स को सभी नियमों को पूरा करने के लिए समय दिया जाएगा. इसके बाद भी अगर समय पर समस्याओं और नियमों को पूरा नहीं करते हैं, तो अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी. जिसमें 7 से 10 साल की सजा और 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है

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