BJP सांसद केपी यादव का ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज, बोले- अगर गद्दारी नहीं की होती तो...
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BJP सांसद केपी यादव का ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज, बोले- अगर गद्दारी नहीं की होती तो...

मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, वहीं बीजेपी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को लेकर मची अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है.

फाइल फोटो

भोपाल: मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, वहीं बीजेपी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को लेकर मची अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है. गुना से बीजेपी के सांसद केपी यादव (kp yadav) ने बगैर सिंधिया का नाम लिए उनपर अब तक का सबसे करारा हमला बोला है. केपी ने इशारों में सिंधिया को गद्दार तक कह डाला. ये ही नहीं उन्होंने कहा कि अगर रानी लक्ष्मीबाई (Maharani Lakshmi Bai) के साथ कुछ लोगों ने गद्दारी नहीं की होती तो देश आज स्वतंत्रता की 75वीं नहीं बल्कि 175वीं वर्षगाठ मना रहा होता. 

दरसअल केपी यादव गुना में RSS के आनुषंगिक संगठन क्रीड़ा भारती खेल और खिलाड़ियों को समर्पित संस्थान के कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां वो खिलाड़ियों की माताओं के सम्मान औऱ वीरमाता जीजा बाई सम्मान समारोह में भाग लेने आए थे.

175वीं वर्षगाठ  मना रहा होता
गुना में क्रीड़ा भारती खेल और खिलाड़ियों को समर्पित संस्थान के कार्यक्रम में सांसद केपी यादव ने कहा रानी लक्ष्मी बाई झांसी की ही थी और हम उनके शौर्य के बारे में सभी जानते है. हम यह भी जानते हैं कुछ लोगों ने गद्दारी नहीं की होती तो आज भारत 75वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ नहीं बल्कि 175वीं भी स्वतंत्रता की वर्षगांठ मना रहा होता.

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कभी सिंधिया के प्रतिनिधि थे केपी यादव
गौरलतब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना-शिवपुरी सीट पर बीजेपी के केपी यादव ने तब के कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया को करारी मात दी थी.  हालांकि एक दौर था जब केपी यादव मूंगावली जिला पंचायत में सिंधिया के प्रतिनिधि हुआ करते थे. 

केपी ने थाम लिया बीजेपी का हाथ
बात ये भी है कि केपी यादव ने मुंगावली सीट से 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया से टिकट की मांग की थी. लेकिन कांग्रेस ने केपी की जगह बृजेंद्र यादव को अपना प्रत्याशी बनाया. इससे नाराज केपी यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद गुना से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को सवा लाख वोटों से हराकर इतिहास रच दिया. वहीं इसके बाद तो सिंधिया ने भी बीजेपी का दामन भी थाम लिया.

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