अंडरकवर कॉप बनी कॉलेज छात्रा, इंदौर पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में दबोचे रैगिंग के आरोपी
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अंडरकवर कॉप बनी कॉलेज छात्रा, इंदौर पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में दबोचे रैगिंग के आरोपी

मामले के खुलासे के बाद रैगिंग के सभी 11 आरोपियों को सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत नोटिस दिया गया है. साथ ही सभी को आरोप पत्र पेश किए जाने के समय अदालत में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं. 

कॉलेज छात्रा बनी महिला आरक्षक की तस्वीर.

पुष्पेंद्र वैद्य/इंदौरः इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पुलिस ने रैगिंग के एक हाई प्रोफाइल मामले का खुलासा किया है. खास बात ये है कि पुलिस ने इस मामले के खुलासे के लिए फिल्मी स्टाइल में जाल बुना और 24 साल की आरक्षक को कॉलेज छात्रा बनाकर तीन महीने तक कॉलेज भेजा. आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और मेडिकल कॉलेज के 11 आरोपी पुलिस की पकड़ में आ गए हैं. 

पुलिस ने ऐसे की प्लानिंग
इंदौर के संयोगितागंज थाना क्षेत्र में स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज में कई छात्रों ने रैगिंग की गोपनीय रूप से यूजीसी की एंटी रैगिंग कमेटी से ऑनलाइन शिकायत की थी. इसके बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा संयोगितागंज थाने में मामला दर्ज कराया गया था. हालांकि इस मामले में आरोपियों के नाम या पहचान पुलिस को नहीं मिल पा रही थी. ऐसे में पुलिस ने एक टीम बनाई और उस टीम में शालिनी चौहान नामक महिला आरक्षक को छात्रा के भेष में कॉलेज में भेजा. जिसने जासूसी कर इस मामले की बिखरी कड़ियों को जोड़ा. 

साथ ही दो अन्य पुलिसकर्मियों को कैंटीन के कर्मचारी बनाकर मेडिकल कॉलेज में तैनात किया गया और एक अन्य महिला आरक्षक को नर्स के रूप में कॉलेज भेजा गया. इन सभी ने इस मामले में 11 आरोपियों की पहचान की. पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी रैगिंग के दौरान अपने जूनियर छात्रों रैगिंग करते हैं और इस दौरान छात्रों को अश्लील काम करने के लिए भी कहा जाता था. 

फिलहाल मामले के खुलासे के बाद रैगिंग के सभी 11 आरोपियों को सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत नोटिस दिया गया है. साथ ही सभी को आरोप पत्र पेश किए जाने के समय अदालत में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं कॉलेज प्रशासन ने सभी आरोपियों को तीन महीने के लिए संस्थान से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. 

रैगिंग के इस मामले का खुलासा करने वाली टीम की अहम सदस्य आरक्षक शालिनी चौहान ने बताया कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों और थाना प्रभारी तहजीब काजी के निर्देशन पर काम किया. छात्रों को राहत पहुंचाई गई है क्योंकि रैगिंग की घटना से आहत कई छात्र-छात्राएं आत्महत्या की तरफ बढ़ जाते हैं, इसे रोकने की कोशिश की गई है. शालिनी चौहान को अपने पिता के देहांत के बाद अनुकंपा पर नियुक्ति मिली थी. 

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