Jitiya 2022: माताएं अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जीवित्पुत्रिका का व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करती हैं उनके संतान के जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती और वो हमेशा स्वस्थ रहता है.
Trending Photos
Jivitputrika Vrat 2022 Date and shubh Muhurat: भारत ही नहीं दुनिया के किसी भी कोने की मां यही चाहती है कि उसके बच्चों की तरक्की हो ,उनको जिंदगी में सफलता मिले और उनकी आयु बहुत लंबी हो. एक मां ही ऐसे होती है जो अपने बच्चों के लिए अपनी जान भी दे सकती है और हमेशा उनकी दीर्घायु के लिए कामना करती है. हिंदू धर्म में बहुत सारे ऐसे हैं व्रत है जो औरतें अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए रखती हैं भी जिउतिया व्रत भी एक प्रकार का व्रत है जो महिलाएं अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए पर रखती हैं. जीवित्पुत्रिका व्रत का आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन रखा जाता है. बता दें कि इस व्रत को जीवित्पुत्रिका, जितिया, जिउतिया,और ज्युतिया व्रत के नाम से जाना जाता है.
जीवित्पुत्रिका व्रत महत्व
हिंदू धर्म में अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना और उसके जीवन में सुख समृद्धि आ जाए.साथ ही साथ उसका स्वास्थ्य बिल्कुल सही रहें.इसलिए माताएं जीवित्पुत्रिका व्रत यानी जितिया का व्रत को रखती हैं.मान्यताओं के अनुसार जो माताएं अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जीवित्पुत्रिका का व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करती हैं उनके संतान के जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती और वो हमेशा स्वस्थ रहता है.
जीवत्पुत्रिका व्रत कब है?
बता दें कि कई लोगों को इस चीज की भी कंफ्यूजन है कि इस वर्ष यह व्रत 17 सितंबर को पड़ रहा है या 18 सितंबर को तो चलिए हम बताते हैं.इस वर्ष 18 सितंबर को जिवितपुत्रिका का व्रत है क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 सितंबर को दोपहर 02.14 बजे से शुरू हो रही है, जो अगले दिन शाम 18 सितंबर 04.32 बजे तक चलेगी.यानी आप 18 सितंबर के दिन इस व्रत को रख सकती हैं.
जीवित्पुत्रिका व्रत पर बन रहे हैं कई शुभ मुहूर्त
इस बार जीवित्पुत्रिका व्रत पर कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.इस दिन यानी 18 सितंबर की सुबह से 06.34 मिनट तक सिद्धि योग है. इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.51 बजे से दोपहर 12.40 बजे तक है. व्रत के दिन सुबह 09.11 बजे से दोपहर 12.15 बजे तक अमृत और लाभ मुहूर्त है.
जीवत्पुत्रिका व्रत पारण समय
19 सितंबर की सुबह 06 बजकर 08 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 40 मिनट तक और सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक पारण करने का शुभ मुहूर्त है. इसलिए जो माताएं जीवित्पुत्रिका का व्रत रखना चाहती हैं वे इस समय व्रत रख सकती हैं.