Khandwa News: मध्य प्रदेश के खंडवा में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां एक महिला अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए भटक रही है. इसके लिए वो कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची. आइये जानते हैं पूरा मामला
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Khandwa News: खंडवा। एक महिला सरकारी कागजों में खुद को जिंदा बताने के लिए संघर्ष कर रही है. आज वह खंडवा कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची और बताया कि सरकारी महकमे की त्रुटि की वजह से समग्र आईडी में उसे मृत घोषित कर दिया है. इसी वजह से वह किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रही है.
भामर की रहने वाली है महिला
महिला मूल रूप से देवास जिले के भामर की रहने वाली हैं. इनकी शादी खंडवा जिले की चारखेड़ा ग्राम पंचायत के सक्तापुर गांव में हुई थी. शादी टूटने पर दूसरा विवाह बुरहानपुर जिले के नेपानगर में हुआ. पहले वाले स्थान से पंचायत सचिव ने उसे मृत घोषित करते हुए उसका नाम समग्र आईडी से हटा दिया.
नहीं मिला योजनाओं का लाभ
खंडवा में आयोजित जनसुनवाई में पहुंची महिला का नाम अनीता बाई है. जन सुनवाई में पहुंची इनकी पीड़ा है कि सरकारी कागजों में ये मृत घोषित कर दी गई हैं. इस वजह से इन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
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सचिव ने हटा दिया नाम
महिला ने बताया कि चार खेड़ा ग्राम पंचायत के सचिव ने नाम समग्र आईडी से मृतक के रूप में डिलीट कर दिया. इस कारण उसे कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है और वो पति-पत्नी सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. थककर वो आज जनसुनवाई में पहुंचे हैं.
अफसरों ने मानी गलती
लाडली बहना योजना से लेकर प्रसूति सहायता का लाभ नहीं मिल पाया है. वह बेटे को भी अपना नाम नहीं दे पा रही है. अफसरों ने इस मामले में मातहतों की गलती स्वीकारी है. अब सुधार की बात कह रहे हैं.
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नाम जुड़वाने के प्रयास
मामला सामने आने के बाद अफसरों ने छानबीन की तो पता चला कि ग्राम पंचायत सचिव ने गलती की है और महिला का नाम मृतक के रूप में डिलीट हुआ है. जिला पंचायत सीईओ शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा अब भोपाल से हम इस गलती को सुधारने में जुटे हैं. जल्द ही महिला की समस्या का निराकरण करा देंगे.