श्योपुर/अजय राठौर: कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को जंगल के अलावा आसपास के इलाके भी काफी भाने लगे हैं. यही कारण है वे पार्क की सीमा लांघकर आसपास के एरिया की ओर भाग रहे हैं.  पवन चीते के बाद अब मादा चीता आशा को शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के आस-पास के जंगल बहुत रास आने लगे हैं. यही कारण है कि पिछले 15 दिनों से कूनो नेशनल पार्क इलाके के जंगलों की सीमा लांघ कर आशा शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क की सीमाओं से भी आगे जाने लगी है. 


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देर रात किया गया ट्रेंकुलाइज
मादा चीता आशा शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क की सीमाओं से आगे अशोकनगर जिले की ओर बढ़ने लगी है. इस बीच रविवार देर शाम आशा को ट्रेंकुलाइज कर वापस कूनो नेशनल पार्क के जंगल में लाया गया. कूनो वन मंडल के अफसरों ने विशेषज्ञों के साथ  शिवपुरी और अशोक नगर जिले की सीमा पर आशा को ट्रेंकुलाइज कर पर बेहोशी की हालत में पिंजरे में कैद किया. पार्क में वापस लाने के बाद उसका चेक-अप किया गया और फिर विशेषज्ञों की निगरानी के बीच देर रात ही जंगलों में छोड़ दिया गया. 


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आशा की हो रही थखी मॉनिटरिंग
वन मंडल के विशेषज्ञ लगातार आशा की मॉनिटरिंग कर रहे थे. उसकी लोकेशन के साथ उसकी मॉनिटरिंग में लगी टीम उसके हर मूवमेंट पर सतर्क थी. ऐसे में आगे जाकर होने वाले खतरे को भांपते हुए उसे ट्रेंकुलाइज किया गया और कुनो लाया गया. 


पहले भी भाग चुके हैं चीते
बता दें कि 17 सिंतबर को  नामीबिया से 8 चीता कूनो नेशनल पार्क में लाए गए थे. आशा से पहले पवन नाम का नर चीता भी कूनो से भाग गया था, जिसे अफसरों ने UP बॉर्डर से ट्रेंकुलाइज कर उसका रेस्क्यू किया था और उसे वापस कूनो लाया गया, लेकिन पवन के लगातार भागने के चलते उसे कैद कर दिया गया है.