आगर:  आगर मालवा जिले के नलखेड़ा स्थित प्रसिद्ध मां बगलामुखी मन्दिर (maa baglamukhi) में प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. मन्दिर में भक्तों की आस्था से खिलवाड़ करते हुए यज्ञशाला में खंडित हवन कुंडों पर ही हवन कराए जा रहे हैं. जबकि सनातन धर्म में खंडित हवन कुंड पर हवन करना पूर्णतः वर्जित माना जाता है. माता के इस प्रसिद्ध मंदिर में देश विदेश से प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन और हवन के लिए पहुंचते है और मन्दिर परिसर में प्रतिदिन सैकड़ों हवन अनुष्ठान सम्पन्न होते है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि हवन अनुष्ठान कराने वाले इन भक्तों से प्रति हवन के लिए 350 रुपए का शुल्क मन्दिर समिति द्वारा वसूला जाता है. इसके बावजूद जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते हवन कुंडों का भी रख रखाव सही तरीके से नहीं किया जा रहा है.


350 रुपये वसूलता है मंदिर 
नलखेड़ा स्थित विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर में सिद्धपीठ पर हवन अनुष्ठान करने के लिए समिति द्वारा हवन कुंड किराए के नाम पर 350 रुपये भी वसूल करती है. जिसके बदले में सामान्य दिनों में डेढ़ घंटे व पर्वो के दिनों में आधा से एक घंटा उन्हें हवन करने की अनुमति दी जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि मंदिर प्रबंध समिति हवन कुंड का किराया वसूल रही है तो धर्म के विपरीत, धार्मिक भावनाओं को आहत करते हुए भक्तों से खंडित हवन कुंडों पर हवन अनुष्ठान क्यों करवा रही है?


MP Election: एमपी की खेल मंत्री यशोधरा नहीं लड़ेगीं चुनाव, उम्रदराज मंत्रियों की बढ़ी टेंशन!


खंडित कुंड़ों में क्यों हवन हो रहे?
मंदिर परिसर में स्थित यज्ञशाला में स्थित हवन कुण्डों में से कई हवन कुंडों में दरारें पड़ रही है तो कई हवन कुंडों में लगी ईंटे टूटी हुई है. इन्हीं खंडित हवन कुंडों पर प्रतिदिन भक्त हवन अनुष्ठान करने को मजबूर भी हो रहे है. सवाल उठता है कि मंदिर प्रबंध समिति जब हवन कुंडों का किराया वसूल रही है तो नियमित रूप से हवन कुंडों का रखरखाव क्यों नहीं करवाती है? जिस समय कोई हवन कुंड खंडित दिखाई दे उस पर हवन अनुष्ठान बंद करवा कर तत्काल उसे धर्म के अनुरूप दुरुस्त क्यों नहीं करवाती है? वर्तमान में मंदिर प्रबंध समिति को इन हवन कुंडों के किराए से बड़ी धनराशि की आय हो रही है तो फिर समिति एक कर्मचारी की नियुक्ति इसी कार्य के लिए क्यों नहीं कर रही है?


रिपोर्ट - कनीराम यादव