MP में 32 हज़ार परेशान संविदा कर्मचारी हड़ताल पर, लेकिन नेताओं को जनता से ज्यादा राजनीति की चिंता
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MP में 32 हज़ार परेशान संविदा कर्मचारी हड़ताल पर, लेकिन नेताओं को जनता से ज्यादा राजनीति की चिंता

MP News: प्रदेश भर में 32 हज़ार संविदा कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि जो कर्मचारी 10,15 साल से काम कर रहे हैं, उन्हें नियमित किया जाना चाहिए. दूसरी तरफ प्रदेश में नेतागण राजनीति कर रहे हैं. सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाने में लगे हैं. 

strike of 32 thousand contract health workers

MP Latest News: मध्य प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल को लेकर कोई रास्ता निकालने की जगह सियासत की जा रही है. संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल को कांग्रेस ने समर्थन देते हुए इस परिस्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने कोरोना में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से काम कराया और बाद में बाहर का रास्ता दिखा दिया. सरकार हर एंगल पर विफल है. इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मामले पर कहा कि कांग्रेस पार्टी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ है. कांग्रेस का दावा है कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही सब ठीक हो जाएगा.

बीजेपी का दावा सरकार संवेदनशील
वहीं बीजेपी ने दावा किया है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में लगे लोग कभी अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य योजनाओं को चरमराने नहीं देंगे. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ये संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के भविष्य से जुड़ा मामला है और संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों को लेकर सरकार संवेदनशील है. शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों पर सरकार का फोकस है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस होपलेस पार्टी है और सिर्फ आग में घी डालने का काम करती है.

संविदा कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
मंदसौर में भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. जिला अस्पताल में कई सीटें खाली है. हॉस्पिटल प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्था करके स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से जारी रखने का दावा कर रहा है लेकिन अस्पताल में इन दावों के उलट स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नजर आ रही हैं. हड़ताली स्वास्थ्य कर्मी तरह-तरह के प्रदर्शन कर रहे हैं और लगातार सरकार से उनकी मांग माने जाने का अनुरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में गुरूवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक वह इसी तरह विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.

कोविड में काम करवाया, फिर निकाल दिया?
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी डॉक्टर प्रतिज्ञा पाटीदार ने बताया की 5 जून 2018 की नीति के अनुसार सरकार संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समकक्ष वेतन और नियमतीकरण किया जाए. जब तक मांग नहीं मानी जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. इस समय प्रदेशभर में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश के बैनर तले ये हड़ताल की जा रही है. संघ के कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के नियमितीकरण और निष्कासित किए गए कर्मचारियों की बहाली को लेकर ये हड़ताल है. इसके बाद प्रदेश भर में 32 हज़ार संविदा कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि जो कर्मचारी 10,15 साल से काम कर रहे हैं, उन्हें नियमित किया जाना चाहिए. 8, 10 साल से काम कर चुके बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया गया, उनकी बहाली हो. जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

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