MP Congress Big Announcement: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है. दोनों पार्टियां महिलाओं को साधने की कोशिश कर रही हैं. सीएम शिवराज जहां पर महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना के तहत 1000 रूपए देने की घोषणा की है. वहीं पर कांग्रेस ने भी आधी आबादी को साधने के लिए मास्टर प्लान बना लिया है.
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MP Congress Big Announcement: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में महिलाओं को साधने की जद्दोजहद शुरू हो गई है. महिलाओं को अपने साथ लेने के लिए जहां पर शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) लाडली बहना योजना लॉन्च करने जा रही है. वहीं पर दूसरी तरफ कमलनाथ (Kamalnath) और कांग्रेस (Congress) ने भी महिलाओं को हर महीने 1500 रूपए देने का एलान कर दिया है. कांग्रेस पार्टी ने अपने एलान में कहा कि अगर कांग्रेस सरकार बनी तो महिलाओं को 1500 रूपए दिए जाएंगे.
महिलाओं को साधने की कोशिश
आगामी विधान सभा चुनाव में महिला वोटरों को लेकर दोनों पार्टियों की निगाहें टिकी हुई है. बीते दिनों से देखा जा रहा है कि दोनों पार्टियां महिलाओं को रिझाने के लिए प्रयत्न कर रही है. सीएम शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को ध्यान में रखते हर एक कदम बढ़ा रहे हैं तो वहीं पर कमलनाथ भी उनके ऊपर कांउटर अटैक कर रहे हैं. सीएम शिवराज ने लाडली बहना योजना के तहत 1000 रूपए देने की घोषणा की है. तो वहीं पर कांग्रेस ने 1500 रूपए देने का एलान कर दिया.
Ladli Bahna Yojana: लॉन्च से पहले CM शिवराज का बड़ा ऐलान, अधिकारियों को दिए ये निर्देश
5000 रुपये देने की मांग
आगामी पांच मार्च को लाडली बहना योजना लांच की जानी है. इसके पहले कांग्रेस विधायक संजय यादव ने कहा कि बहनों को एक हजार की जगह 5 हजार रुपये देने चाहिए. इसके अलावा कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद हमारी सरकार बनी तो हम 5 हजार रुपये देंगे. इसे लेकर के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी एलान किया था कि गृहणियों, घरेलू महिलाओं यानी हाउस वाइफ को भत्ता दिया जाएगा जिसके बाद कांग्रेस के पार्टी ने ये बड़ा एलान किया है.
एमपी में महिला विधायकों की संख्या
भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां महिलाओं को साधने की कोशिश में जुटी है लेकिन आंकड़े कुछ और ही गवाही दे रहे हैं. अगर 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो सिर्फ 17 महिला विधायक निर्वाचित हुई थी. जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में 31 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंची थी. ऐसे में सवाल उठता है कि आधी आबादी की बात करने वाली पार्टियां कैसे महिलाओं को पार्टी के अंदर हिस्सेदारी देती हैं.