MP News: ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र में पिछड़ा बिजली विभाग, आधी से कम हुई वसूली; प्रदेश से आए चौकाने वाले आंकड़े
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MP News: ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र में पिछड़ा बिजली विभाग, आधी से कम हुई वसूली; प्रदेश से आए चौकाने वाले आंकड़े

MP Electricity Department: बिजली विभाग ने ग्वालियर और भोपाल रीजन में 2022-23 के वसूली के आंकड़े जारी किए हैं. इसके अनुसार प्रदेश में महज 24 फीसदी वसूली हुआ है. वहीं ऊर्जा मंत्री (Minister Pradyuman Singh Tomar) के इलाके से भी चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

MP News: ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र में पिछड़ा बिजली विभाग, आधी से कम हुई वसूली; प्रदेश से आए चौकाने वाले आंकड़े

MP Electricity Department: मध्य प्रदेश में पिछले दिनों घर से सामन फेंकने और भैंस निलाम कर बिजली बिल बकाया की वसूली के मामले सामने आए थे. इस बीच बिजली विभाग ने ग्वालियर और भोपाल रीजन में 2022-23 के वसूली के आंकड़े जारी किए हैं. इसके अनुसार विभाग अपने मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Minister Pradyuman Singh Tomar) के इलाके में ही काफी पिछड़ा हुआ है. वहीं प्रदेश के आंकड़े 25 फीसदी से भी कम है.

बिजली विभाग टारगेट से रह गया दूर
- ग्वालियर रीजन 665.52 करोड़ का टारगेट तय किया गया था. यहां वसूली महज 362.06 करोड़ रुपये हो पाई. ये राशि आधे से भी कम हैं और इलाका विभाग के मुखिया यानी ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का है.

- बिजली विभाग ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर के क्षेत्र ग्वालियर क्षेत्र में आधी वसूली ही कर पाया. यानी ग्वालियर जोन में टारगेट से 45 प्रतिशत कम वसूली हुई है.

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प्रदेश में 24 फीसदी वसूली
अगर प्रदेशभर की बात करें तो बिजली विभाग यहां और भी ज्यादा फिसड्डी निकला है. जारी आंकड़ों को देखा जाए तो मध्य प्रदेश में एक चौथाई से भी कम वसूली हो पाई है. अधिकारियों और कर्मचारियों में यहां तय टारगेट का 24 फीसदी ही वसूला है.

कुछ समय पहले आई थी कुर्की की तस्वीरें
कुछ समय पहले बिजली विभाग के द्वारा बिल की वसूली के लिए अजीबो गरीब तस्वीरें सामने आईं थी. जहां अमानवीय तरीकों से कुर्की की कार्रवाई कराई जा रही थी. इसके बाद भी विभाग अपने आंकड़ो को हासिल करने में इतना ज्यादा पीछे रह गया.

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बता दें हर साल डिपार्टमेंट अपने फायदों और नुकसान के साथ ग्राहकों पर तमाम मद के बकाया राशि को वसूलने के लिए टारगेट रखता है. इसे रीजन के हिसाब से भी डिवाइड किया जाता है. उसी के अनुसार अधिकारियों और कर्मचारियों को प्लान बनाकार वसूली करनी होती है.

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