mp religion politics: मध्य प्रदेश में उज्जैन के बाबा महाकाल मंदिर के बाद अब प्रदेश के दूसरे बड़े मंदिरों का भी विस्तार होगा, प्रदेश की शिवराज सरकार प्रदेश के बड़े मंदिरों का कायाकल्प करवाने जा रही है, जिसके लिए योजना तैयार हो चुकी है.
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mp religion politics: प्रमोद शर्मा/भोपाल। मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी रणनीतियां तैयार होने लगी है. विकास, रोजगार जैसे मुद्दों के साथ इस बार मध्य प्रदेश धर्म की सियासत से भी सराबोर दिखेगा. क्योंकि प्रदेश को 2023 विधानसभा चुनाव से पहले धर्म से सराबोर करने का पूरा अभियान बन रहा है. क्योंकि उज्जैन में ''श्री महाकाल लोक'' के लोकार्पण के बाद प्रदेश के दूसरे बडे़ मंदिरों को भी विस्तार करने की योजना है. शिवराज सरकार अगले दो साल में मध्य प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को संवारने का काम करेगी.
तीन हजार करोड़ से सवरेंगे MP के मंदिर
शिवराज सरकार अगले 2 सालों में मध्य प्रदेश के प्रमुख मंदिरों का कायाकल्प करने जा रही है, प्रदेश के मंदिरों को 3000 करोड़ की लागत से सजाया और सवारा जाएगा. जिसकी शुरुआत ''श्री महाकाल लोक'' से हो चुकी है, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
इन मंदिरों का होगा विस्तारीकरण
पर्यटन मंत्रालय को मिला जिम्मा
प्रदेश सरकार राज्य के इन सभी मंदिरों का विस्तारीकरण करवाएगी. जिसमें प्रदेश के दूसरे ज्योर्तिलिंग ओंकारेश्वर मंदिर का काम सबसे पहले शुरू हो सकता है. बताया जा रहा है विस्तारीकरण के तहत इन मंदिरों का ना केवल स्वरूप बदलेगा, बल्कि श्रद्धालुओं के हिसाब से यहां सुविधाएं भी तैयार होंगी, ताकि भक्तों को ज्यादा से ज्यादा से भव्य स्वरूप मंदिरों का देखने को मिल सके. मंदिरों के विस्तारीकरण के लिए पर्यटन विभाग को जिम्मेदारी दी गई है. खास बात यह है कि इस काम में राज्य सरकार केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ''प्रसाद'' का भी लाभ लेगी. जिसके तहत मंदिरों का कायाकल्प करने के लिए फंड मिल रहा है.
जल्द शुरू होगा ओंकारेश्वर मंदिर का काम
बताया जा रहा है कि ओंकारेश्वर मंदिर का काम जल्द शुरू होगा, यहां 108 फीट की शंकराचार्य की प्रतिमा भी बनेगी. इसके अलावा महाकाल लोक की तरह अलग-अलग चरणों में 2141.85 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के तहत यह काम होगा. बताया जा रहा है कि यहां आदि शंकराचार्य की जो प्रतिमा तैयार होगी वह 500 साल तक सुरक्षित रहेगी.
बीजेपी-कांग्रेस दोनों का फोकस
मंदिरों के कायाकल्प की योजना को प्रदेश में राजनीतिक लिहाज से भी जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि धार्मिक स्थलों का डेवलपमेंट और कायाकल्प करके बीजेपी पूरी तरीके से धार्मिक वोटरों को अपने से कनेक्ट रखना चाहती है, खास बात यह भी है कि मध्य प्रदेश में एक बड़ा वर्ग है जो धार्मिक आधार पर अपना रुख तैयार करता है, ऐसे में 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी की यह बड़ी रणनीति नजर आ रही है.
खास बात यह है कि केवल बीजेपी ही नहीं बल्कि का कांग्रेस का भी पूरा फोकस धार्मिक लिहाज से बना हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश में एक बड़े धार्मिक नेता के तौर पर पेश किया जा रहा है, जबकि कांग्रेस ने भी आगामी समय में कई धार्मिक कार्यक्रम करवाने की योजना बनाई है.
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