MP विधानसभा में होगा घमासान! शीतकालीन सत्र में कांग्रेस इन मुद्दों को लेकर करेगी अटैक
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MP विधानसभा में होगा घमासान! शीतकालीन सत्र में कांग्रेस इन मुद्दों को लेकर करेगी अटैक

MP Vidhan Sabha Winter Session: मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. इससे पहले कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरने के लिए अपना प्लान तैयार कर लिया है. जान लें कांग्रेस की वो लिस्ट जो उसने सरकार को घेर ने के लिए बनाई है.

MP विधानसभा में होगा घमासान! शीतकालीन सत्र में कांग्रेस इन मुद्दों को लेकर करेगी अटैक

MP Vidhan Sabha Winter Session: भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा को शीतकालीन सत्र शुरू होने में अभी 10 दिन का समय है. पक्ष और विपक्ष दोनों ही सदन में पेश होने के लिए तैयारी कर ली है. कांग्रेस ने अपना पूरा प्लान तैयार कर लिया है. विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे तैयार कर लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार सदन में विपक्ष खाद के मुद्दे को बड़ी जोरों से उठाएगा. इसपर हंगामा होने के असार हैं.

कांग्रेस करेगी श्वेतपत्र लाने की मांग
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने खाद को लेकर कई सवाल सरकार से पूछे हैं. सरकार बताए कि क्या किसानों का रकबा बढ़ा या खाद का आवंटन कम हुआ. हर बार बीजेपी की सरकार में खाद क्यों कम होती है. 

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कुणाल चौधरी ने कहा विपक्ष सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग करता है. सरकार खाद की स्थिति को लेकर श्वेत पत्र जारी कर बताए प्रदेश में खाद की स्थिति क्या है. खेत में खाद कितना डालना है. ये किसान तय करता है, लेकिन अब सरकार खुद ही तय कर रही है.

मंत्री ने लगाया विपक्ष पर आरोप
सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने अपनी सरकार को किसान हितैषी करार दिया है. सारंग ने कहा कि सरकार किसानों की हर समस्या का निराकरण कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस बिना मुद्दे के मुद्दा बनाती है. सत्र में हंगामा कर सत्र को बिगाड़ना कांग्रेस की आदत है. किसानों को कोई दिक्कत ना आए सरकार इसकी पूरी कोशिश कर रही है.

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सत्र में होंगे 5 बैठकें
बता दें विधानसभा सत्र के लिए अधिसूचना जारी हो गई है. 19 से 23 दिसंबर तक चलने वाले एक सप्ताह के सत्र में पांच बैटकें होंगी. इस दौरान इसमें प्रश्नकाल और शून्यकाल और ध्यानकर्षण के माध्यम से सभी जनप्रतिनिधि जनहित के मुद्दे उठा सकेंगे. इसमें द्वतीय अनुपूरक बजट भी पेश होगा. इसी कारण ये सत्र चुनाव से पहले सरकार के लिए विशेष महत्व का है.

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