National Safe Motherhood Day 2023: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस? क्या है इसका इतिहास
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1647532

National Safe Motherhood Day 2023: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस? क्या है इसका इतिहास

National Safe Motherhood Day 2023: हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य महिलाओं की मातृव सुरक्षा को बढ़ावा देना है.भारत सरकार ने 2003 में 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने की घोषणा की थी.

National Safe Motherhood Day 2023: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस? क्या है इसका इतिहास

National Safe Motherhood Day 2023: हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस (National Safe Motherhood) मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य महिलाओं की मातृव सुरक्षा को बढ़ावा देना है. भारत सरकार ने साल 2003 में 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस अभियान की शुरुआत 'व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया' द्वारा की गई थी. भारत सरकार ने इसे मनाने का फैसला इसलिए लिया ताकि गर्भावस्था और प्रसव को दौरान किसी महिला की मौत न  हो. भारत में बच्चे के जन्म के कारण माताओं की मौत के मामले की स्थिति बेहद खराब है.

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का इतिहास

भारत सरकार ने व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया (White Ribbon Alliance India) के अनुरोध पर साल 2003 में कस्तूरबा गांधी की वपर्षगांठ 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में घोषित किया था. तब से हर साल 11 अप्रैल को 'नेशनल सेफ मदरहुड डे' के रुप में मनाया जाने लगा. इस दिन देशभर में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. हर साल इस दिवस को एक खास थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है.

क्या है इसे मनाने का उद्देश्य 

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस (National Safe Motherhood) मनाने का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और पोस्ट-डिलीवरी और गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के प्रति जागरूक करना है. ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो. एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल भारत में करीब 35,000 से अधिक महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल न होने के चलते मौत हो जाती है. हर साल इस डे को बड़े पैमाने पर सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली कठिनाइयों और इससे कैसे लड़ा जाए इसके बारे में बताया जाता है. यह दिन बाल विवाह को रोकने के लिए भी बढ़ावा देता है. ताकि आज के समय लोग बाल विवाह के प्रति जागरुक हो. इसके अलावा सरकार भारत मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रयास कर रही है.

यह भी पढ़ें: Nimbu Ke Totke: बेहद अचूक हैं नींबू के ये उपाय, बुरी नजर वालों का होगा खात्मा

 

 

 

Trending news