MP की अयोध्या में निकली भगवान राम की बारात, विधि विधान से हुआ पाणिग्रहण संस्कार
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MP की अयोध्या में निकली भगवान राम की बारात, विधि विधान से हुआ पाणिग्रहण संस्कार

सत्येंद्र परमार/निवाड़ीः बुन्देलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले धार्मिक एवं पर्यटन स्थली ओरछा में सोमवार की रात्रि विवाह पंचमी के अवसर पर पिछले करीब 500 वर्षो से चली आ रही भगवान श्री राम के सीता से विवाह की अद्भुत परंपरा का निर्वहन विधि विधान से किया गया, प्रति वर्ष की भांति आज भी विवाह पंचमी पर यहां क

MP की अयोध्या में निकली भगवान राम की बारात, विधि विधान से हुआ पाणिग्रहण संस्कार

सत्येंद्र परमार/निवाड़ीः बुन्देलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले धार्मिक एवं पर्यटन स्थली ओरछा में सोमवार की रात्रि विवाह पंचमी के अवसर पर पिछले करीब 500 वर्षो से चली आ रही भगवान श्री राम के सीता से विवाह की अद्भुत परंपरा का निर्वहन विधि विधान से किया गया, प्रति वर्ष की भांति आज भी विवाह पंचमी पर यहां के प्रसिद्ध राम राजा मंदिर से बाकायदा भगवान राम की बारात जनकपुरी के लिये गाजे बाजे के साथ निकाली गई, जिसमें भगवान राम राजा सरकार अपने अनुजों के साथ सुशोभित रहे और सारे ओरछा नगर के अलावा बाहर से आये देशी विदेशी श्रद्धालुओं सहित सैलानी पूरे उत्साह से बाराती के रूप में शामिल होकर जनकपुरी की ओर रवाना हुए.

जहां बारात के जनकपुरी पहुंचने पर श्रीराम सीता का पाणिग्रहण संस्कार विधि विधान से संपन्न हुआ, वैवाहिक कार्यक्रम पूर्ण होने के बाद बारात वापिस रामराजा के महल रूपी मंदिर के लिये वापिसी हुई, विगत 500 वर्षो से हर साल ओरछा वासी भगवान श्रीराम को मानव स्वरूप में मानकर पूरी धूमधाम से उनका विवाहोत्सव इसी प्रकार मनाते आ रहे हैं.

राजसी ठाठ-बाट से निकाली गई बारात
बता दें कि ओरछा में सोमवार की रात पूरे राजसी ठाठ-बाट के साथ भगवान श्रीराम की बारात नगर में निकाली गई, इससे पहले जब भगवान मंदिर से दूल्हे के रूप में पालकी में बिराजे बाहर आते है, तब सशस्त्र पुलिस जवानों द्वारा उन्हें सलामी दी जाती है, बारात के सबसे आगे रघुकुल का प्रतीक चिन्ह उसके बाद मशालची, चांदी की छड़ी लिये दरबान, भगवान को चांवर हिलाते हुए सेवक चलते हैं, बारात का नगर वासियों द्वारा हर घर पर रोककर उनकी आरती उतारने के साथ ही बारातियों का स्वागत किया जाता है, पिछले करीब 500 सालों से निरंतर भगवान रामराजा की नगरी ओरछा में 3 दिवसीय विवाहोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इसके लिए प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की जाती है श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिये प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई है.

जानिए क्या है मान्यता
निवाड़ी जिले के ओरछा का रामराजा मंदिर अत्यंत प्राचीन है और यहां स्थापित मूर्ति के बारे में प्रचलित मान्यता के अनुसार ओरछा की महारानी गनेश कुंवर पुष्य नक्षत्र में इस मर्ति को अयोध्या से नंगे पैर पैदल चलकर ओरछा लायी थी, श्रीराम की प्रतिमा ओरछा लाये जाने के बाद बुन्देलखण्ड में इन्हें ओरछा के राजा के रूप में मान्यता दी गई. और ओरछा के रामराजा इस मायने में भी अद्वितीय है कि इन्हें प्रतिदिन पुलिस के जवानों द्वारा बाकायदा आज भी दिन के चारों पहर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है.

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