भारत रत्न अटल बिहारी बायपेयी की आज पुन्यतिथी है. अटल बिहारी एक राजनेता होने के साथ-साथ हिंदी के कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे. आइए आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर जानते है उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्से...
अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं की ये बात सभी को पता है, लेकिन ये किसी को नहीं पता कि जब अटल के परिवारवाले उनकी शादी की बात कर रहे थे तो दोस्त के घर जाकर छिप गए थे.
अटल बिहारी वाजपेयी की मात्रभाषा हिंदी थी और उन्हें दुनिया के सामने इसे बोलने में जरा भी झिझक नहीं थी. 1977 में वह विदेशमंत्री के तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने पहुंचे हिंदी में भाषण दिया था. उनके भाषण के बाद यूएन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
अटल बिहारी वाजपेयी किसी खास विचारधारा के पहरेदार के रूप में स्थापित नहीं होना चाहते थे. अलगाववादियों से बातचीत के फैसले पर सवाल उठा कि क्या बातचीत संविधान के दायरे में होगी? तो उनका जवाब था, इंसानियत के दायरे में होगी.
अटल बिजारी वाजपेयी ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से अपने पिता के साथ लॉ की पढ़ाई की थी. लॉ छात्र के रूप में पिता-पुत्र एक साथ एक सत्र के दौरान एक ही हॉस्टल के एक कमरे में रहे. 1950 के शुरुआती साल में RSS की मैगजीन निकालते थे, जिसकी वजह से उन्हें लॉ स्कूल से निकाल दिया गया था.
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी एक बार अटल बिहारी वाजपेयी से कहा था कि वो एक दिन देश के प्रधानमंत्री जरूर बनेंगे. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी राज्यसभा में एक भाषण के दौरान वाजपेयी को भारतीय राजनीति का भीष्म पितामह करार दिया था.
अटल बिहारी वाजपेयी को उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार बापजी कहते हैं. उनकी गोद ली हुई एक बेटी है, जिसका नाम नमिता है. उन्हें भारतीय संगीत और नृत्य में काफी दिलचस्पी है.
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