water shortage tapti river: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की ताप्ती नदी धीरे-धीरे सूखकर मैदान बनती जा रही है. ताप्ती नदी के राजघाट और अन्य घाटों सहित कुछ हिस्सों में पानी है, लेकिन इस रुके हुए पानी में शहर के 16 से ज्यादा नालों का गंदा पानी मिलने से नदी का पानी दूषित हो रहा है. यह पानी न तो पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य. साथ ही नदी के पानी से बदबू भी आने लगी है.
ताप्ती नदी, जिसे तापी नदी भी कहा जाता है, इस नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुल्ताई नामक स्थान है, जो नर्मदा नदी से दक्षिण में बहती है. प्रायद्वीप भारत में केवल नर्मदा, ताप्ती और मही नदी ही मुख्य नदियाँ हैं जो पूर्व से पश्चिम बहती हैं.
हिन्दू मान्यता अनुसार ताप्ती को सूर्य एवं उनकी एक पत्नी छाया की पुत्री माना जाता है और ये शनि की बहन है. महाभारत, स्कंद पुराण एवं भविष्य पुराण में ताप्ती नदी की महिमा कई स्थानों पर बतायी गई है. ताप्ती नदी का विवाह संवरण नामक राजा के साथ हुआ था जो कि वरुण देवता के अवतार थे.
बुरहानपुर जिले की ताप्ती नदी का जल स्तर कम हो गया है. राजघाट सहित ताप्ती नदी के कुछ हिस्से और उसके अन्य घाटों पर पानी तो है, लेकिन शहर के 16 से ज्यादा नालों का गंदा पानी मिलने से नदी का पानी दूषित हो रहा है.
अमृत योजना 2.0 के तहत 2022 में 90 करोड़ खर्च करने के बाद भी ताप्ती नदी में नाले का पानी मिल रहा है. प्रशासन ने दावा किया था कि दूसरे स्तर पर काम पूरा होने के बाद नाले का पानी पूरी तरह ताप्ती नदी में मिलना बंद हो जाएगा. लेकिन आज भी नदी के हालात में कोई सुधान नहां हुआ है.
राजघाट पर स्थित शनि मन्दीर के पुजारी फ़कीरा महाराज का कहना है कि पिछले 40 वर्षो से नदी का पानी प्रदूषित है. नदी पर आने वाले श्रधालू अपने घरों से पीने का पानी लेकर आते है. ताप्ती नदी के पवित्र जल में नालों का गन्दा पानी मिल रहा है, उसे रोककर नदी के पानी को शुद्ध करना चाहिए.
स्थानीय पार्षद अजय उदासीन ने बताया की ताप्ती के राजघाट पर बोरी बंधान से थोड़ी बहुत पानी तो रुका है. लेकिन उस रुके पानी मे भी शहर के नालों से गन्दा पानी मिलने से पानी बदबू मारने लगा है. ताप्ती शुद्धिकरण की योजना का प्रसाव आया है जिसके तहत पूरे नाले में वॉए पास हो जाएगा. जिससे नदी में एक बूंद भी नालों का पानी नहीं जाएगा. यह योजना जल्द से शुरु हो और नदी को खत्म होने से बचाया जा सके.
ताप्ती नदी में पिछले दो-तीन साल से अवैध रेत खनन तेजी से बढ़ा है। रेत माफियाओं ने नदी में बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए हैं। इन गड्ढों के कारण भी नदी का प्रवाह रूक गया है।
ताप्ती नदी का हिन्दू धर्म में विशेष स्थान है. मान्यता है कि ताप्ती नदी दुनिया की एकमात्र नदी है जो हड्डियों को गला देती है. इस नदी की धारा में दीपदान, पिंडदान और तर्पण का विशेष महत्व है.
ताप्ती नदी के किनारे एक ऐसा मंदिर है जो सूर्य परिवार मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. मंदिर में भगवान सूर्य और शनि देव दोनों की पूजा की जाती है. मंदिर के पुजारी पं राजेश दुबे के अनुसार यह देश का इकलौता सूर्य परिवार मंदिर है.
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