Katni News: देव मूर्ती या महापुरुषों की मूर्ती बनाकर पूजा करना काफी आम है. लेकिन, मध्य प्रदेश के कटनी में रहने वाले एक परिवार ने कोरोना काल में मां को खोने के बाद उनकी सिलीकॉन की मूर्ती बनवा दी. जानिए क्या है सोनी परिवार की कहानी...
Katni News: नितिन चावरे/ कटनी। मां ईश्वर का दिया हुआ सबसे बड़ा उपहार है. प्यार की शुरुआत ही मां से होती है. मां के आंचल में ही संपूर्ण संसार बसा है. लेकिन, मां का साथ छूट जाना बेहद पीड़ादायक होता है. उसे दोबारा पाना तो नामुमकिन है. लेकिन, कई बार बच्चे मां के प्रति आस्था और मन की तसल्ली के लिए ऐसा करते हैं जो सुर्खी बन जाती है.
ऐसा ही हुआ कटनी में जहां एक बेटे ने अपनी मां की सिलिकॉन की मूर्ती बनवा डाली. कटनी में मां और बेटे के प्रेम की अनूठी दास्तान सामने आई है. यहां एक बेटे ने अपनी मां के दुनिया छोड़ जाने पर अनूठी मिसाल पेश की है. घर के मंदिर में जहां भगवान विराजे हैं. उनके बगल में बेटे ने मां की सिलिकॉन की मूर्ति रखी है और पूरा परिवार उनकी पूजा करता है.
परिवार के सभी लोग मिलकर ऐसा महौल बना देते हैं जैसे जैसे उनकी मां दुनिया छोड़कर नहीं गई बल्कि घर पर उनके साथ हैं. लोग समय समय पर उनके साथ सेल्फी लेते हैं. तीज त्यौहार भी मनाते हैं.
कटनी के आचार्य विनोवा भावे वार्ड राहुल बाग में रहने वाले सोनी परिवार में दो मई 2021 का दिन उनके यहां काल बनकर आया. कोविड के कारण सावित्री सोनी पति सुरेश कुमार सोनी के प्राण पखेरू उड़ गए. घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. मां के निधन के बाद तीनों बेटे डॉ. गगन सोनी, आशीष सोनी, अभिषेक सोनी व बेटी रश्मि सोनी का हाल बेहाल हो गया.
कई दिनों तक सभी गहरे सदमे में रहे. कुछ लोग तो दुख से उबर गए, लेकिन छोटा बेटा अभिषेक सोनी अपनी मां को खोने के बाद सुध-बुध खो बैठा और बिना मां के वह डिप्रेशन में चला गया. यह सबको मालूम था कि होनी को कोई नहीं टाल सकता, लेकिन मां उनकी आंखों से ओझल न हों, इसके लिए छोटे बेटे ने अनूठी पहल की.
अभिषेक सोनी ने बताया कि मैं हमेशा मां की ही याद में खोया रहता था, क्योंकि मां के प्रति मेरा अटूट प्रेम था. लगता था शायद मां कहीं से अवाज दे रही हैं. कहीं न कहीं दिख जाएगीं. ऐसा सोच-सोचकर डिप्रेशन में जाने लगा.
एक रोज सोशल मीडिया में देखा तो पाया कि बैंगलोर में एक कलाकार श्रीधर मूर्ति हू-ब-हू लोगों के स्टैच्यू बना देते हैं. उनसे संपर्क किया तो उन्होंने मां की स्टैच्यु बनाने से मना कर दिया. लेकिन मैं कई बार आग्रह करता रहा. फिर उन्होंने एक साल का समय लिया. छह माह पहले मां की मां की सिलिकॉन का स्ट्रैच्यु बनाकर दिया.
उन्होंने बताया कि जब एकदम से मां के सिलिकॉन का स्टैच्यु घर पहुंचा तो पिता सुरेश कुमार सोनी सहित सभी भाई व परिवार के अन्य सदस्य भौचक रह गए. पिता की आंखों में आंसू आ गए थे. सिलीकॉन का स्टैच्यु भी ऐसा बना है मानो मां जीवंत हो.
अभिषेक बताते हैं मां की मूर्ति को हम लोगों ने घर के मंदिर के बगल में ही स्थापित किया. उनकी पोषाक और गहने भी बदलते हैं. इसमें पत्नी मोनिका सोनी, भाभी रेखा सोनी आदि मदद करती हैं. त्योहारों में हम लोग मां के साथ ही सेल्फी-ग्रूफी लेते हैं. जीवंत मां तो अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी प्रतिमा होने से मन को काफी तसल्ली मिलती है
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