Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में जन्में शावकों को लेकर पार्क प्रबंधन के अलावा ग्रामीणों में भी खुशी का माहौल है. इस खुशी का इजहार लोगों ने एक - दूसरे को मिठाई खिलाकर की. बता दें कि श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामिबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते धीरे धीरे भारतीय माहौल और उसके वातावरण में ढालते हुए भारतीय जमीन पर अपना वंश बढ़ाते हुए कूनो नेशनल पार्क को गुलजार भी कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में शुरू किया गया चीता प्रोजेक्ट अपनी सफलता की ओर बढ़ रहा है. इसके जरिए 70 साल बाद भारतीय जमीन पर एक बार फिर चीतों को बसाने का काम किया जा रहा है.
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते धीरे- धीरे भारतीय माहौल और उसके वातावरण में ढलते हुए भारतीय जमीन पर अपना वंश बढ़ाते हुए कुनो नेशनल पार्क को गुलजार भी कर रहे हैं.
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में साउथ अफ्रीका से लाई गई मादा चीता गामिनी के 5 नन्हे शावकों को जन्म दिया. जिसके बाद खुशी का माहौल है.
कूनो नेशनल पार्क में किलकारी गूंजने के बाद एक तरफ पार्क प्रबंधन खुश था तो दूसरी ओर नन्हें शावको के भारतीय जमीन पर पैदा होने पर श्योपुर के लोग भी इस खुशी में सराबोर नजर आए.
पार्क से लगे हुए सेसईपुरा गांव के ग्रामीणों ने नन्हे शावको के पैदा होने की खुशी में ढोलक बजाकर नन्हें मेहमानों का स्वागत किया. शावकों के आने की खुशी में मिठाईयां बांटी और लोगो का मुंह मीठा भी कराया.
शावकों के जन्म लेने के बाद गांव वालों ने जहां पर एक तरफ मिठाईयां बांटी वहीं दूसरी तरफ ढोल- नगाड़े बजाते हुए भी ग्रामीण नजर आए.
कूनों नेशनल पार्क में चीतों के परिवार बढ़ने से इस इलाके में भी बढ़ने वाले पर्यटन के जरिए गांव में विकास और रोजगार के अवसर भी ग्रामीणों को मिलेंगे.
कूनो नेशनल पार्क श्योपुर जिले में स्थित है. यहां पर चीतों का दीदार करने के लिए देश- विदेश से पर्यटक आते हैं.
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