Rewa Electricity Theft: मध्य प्रदेश के रीवा से एक बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि बीते दो वर्ष पूर्व गुढ़ के बदवार में स्थित एशिया के दूसरे सबसे बड़े 750 मेगावाट की क्षमता वाले पॉवर प्लांट को स्थापित किया गया था. जिसके द्वारा आसपास के इलाकों और जिलों में विद्युत सप्लाई की जाती है. बिजली की सप्लाई के लिए लगे मल्टी सर्किट टॉवर को चोरों ने निशाना बनाया है और विभाग को करोड़ों की चपत लगाई है.
रीवा के गुढ़ स्थित मोहनिया पहाड़ पर बीते दो वर्ष पूर्व गुढ़ के बदवार में स्थित एशिया के दूसरे सबसे बड़े 750 मेगावाट की क्षमता वाले पॉवर प्लांट को स्थापित किया गया था.
जिससे आसपास के इलाके और जिलों में विद्युत सप्लाई की जा सके. इसके लिए गुढ़ सोलर पॉवर प्लांट से शहडोल, सीधी और सिंगरौली में विद्युत सप्लाई देने के लिए मोहनिया पहाड़ में विशाल टॉवर लगाए गए थे.
उन टॉवर में विद्युत की हाई टेंशन लाईन चलाई गई और रीवा का सबसे बड़ा प्रॅाजेक्ट तैयार हुआ था. लेकिन चोरों की हिमाकत देखिए कि हाईटेंशन लाइन के खंबे को भी नहीं छोड़ा.
बीते दिनों मोहनिया पहाड़ में लगे मल्टी सर्किट टॉवर को देर रात चोरों ने अपना निशाना बनाया और मल्टी सर्किट टॉवर 212 के नीचे से नट खोले और उसमें लगी प्लेट और अन्य समाग्री सहित कंडेक्टर उड़ाकर नौ दो ग्यारह हो गए.
चोरों के द्वारा उड़ाई गई टॉवर की सामाग्री की कीमत भले ही 5 से 10 हजार की रही हो लेकिन उनके इस कारनामे से टॉवर धराशायी हो गया और शाहडोल, सीधी समेत सिंगरौली जिले की विद्युत् सप्लाई बाधित हो गई.
कई जिलों की सप्लाई बाधित होने की वजह से विद्युत विभाग को तकरीबन 68 करोड़ की चपत लग गई. इसे लेकर मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी जबलपुर के मुख्य अभियंता संदीप गायकवाड़ ने कहा कि यह एक बड़ी घटना है.
साथ ही साथ बताया कि अगर हमारे पास विद्युत सप्लाई की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होती तो इन इलाकों में तकरीबन 10 दिनों के लिए ब्लैक आउट हो जाता और स्थिति बेहद खराब हो जाती.
चोरी की घटना के बाद से बिजली कंपनी का अमला अभी भी मौके पर है. उनके द्वारा मरम्मत का कार्य लगातार किया जा रहा है. उम्मीद है की 28 मई तक मेंटेनेंस का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
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