Pandit Pradeep Mishra: उज्जैन में चल रही शिव महापुराण के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने साईं बाबा को सनातनी मानने इंकार से किया साथ ही उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि मैं ना भविष्यवाणी करता हुं ना पर्चे लिखता. हम भगवान पर भरोसा करेंगे तो हमारा जीवन सार्थक होगा.
उज्जैन के मुरलीपुरा क्षेत्र में आयोजित कथा में प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हम कोई पर्चे नहीं बांटते न ही भविष्यवाणी करते. उन्होंने साईं बाबा को लेकर कहा कि सनातन देवी देवता है हमें उन्हें पूजना चाहिए. जितना बन सकता है जनमानस की सेवा करें और आनंद के साथ इस कथा को सुने. नीचे पढ़िए प्रदीप मिश्रा की कही 5 बड़ी बातें
1- साधु संत द्वारा कहे गए सनातन धर्म के हिसाब से देश चलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि संविधान और सनातन दोनों के साथ मिलकर ही इस राष्ट्र का आनंद ले सकते हैं और आनंद के साथ इस सनातन धर्म को चला सकते है.
2- पर्चे, भविष्यवाणी वाली बात पर लोगों ने इसे धीरेंद्र से जोड़कर देखा तो उन्होंने कहा कि हमें इससे मतलब नहीं की आप क्या मतलब निकालते हैं. शंकर भगवान का भजन करें स्वयं कालधिपति बैठा है? दुनिया का भाग्य लिखने वाला वही है? किसी साधारण मनुष्य पर भरोसा न करकर हम भगवान पर भरोसा करेंगे तो हमारा जीवन सार्थक होगा.
3- साईं बाबा को लेकर संतो में चल रहे वाद विवाद को लेकर प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हमारा मानना है सनातन धर्म मे देवताओं की कोई कमी नहीं है हम उन्हीं को पूज ले वहिं आनंद है.
4- पंडित प्रदीप मिश्रा ने राजनीति में आने को लेकर फिर कहा हमें राजनीति में नहीं आना है ना ही कोई चुनाव लड़ना है. हम महादेव के दास हैं उनके चरणों के दास बनकर रहना चाहते है.
5- पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव जी के नेत्र अश्रु से गिरा है रुद्राक्ष उसे धारण कर सकते है. मत्त्व तो 1 मुखी से लेकर 14 व 21 मुखी तक के बारे में शिव महापुराण में लिखा है.
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