Pitru Paksha 2023: हिन्दू धर्म में पितरों को देवताओं का स्थान दिया गया है. देव पूजा और पितरों की पूजा एक बराबर है, रूठे हुए देवताओं को मनाना आसान है लेकिन रूठे पितरों को मनाना मुश्किल होता है. इसलिए पितरों को खुश रखने के लिए श्राद्ध पक्ष में तर्पण आदि किया जाता है.
हिन्दू धर्म के अनुसार पितृपक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध करना अनिवार्य होता है
मान्यता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं लेकिन अगर आपको सपने में अपने पितर दिखाई दें, तो उन्हें अनदेखा न करें. जानिए इसके मतलब
जब किसी पितर की आत्मा को शांति नहीं मिलती तो वह बार बार आपके सपने में आकर यह बात बताना चाहते हैं.
अगर आपको अपना कोई पितर हंसता मुस्कराता दिखाई दे तो इसका मतलब है कि वह आपसे खुश हैं और आपको आशीर्वाद दे रहे हैं.
अगर ऐसा सपने में हो रहा है तो वो आपसे कहना चाहते हैं कि आप उनकी इच्छा या पसंद नापसंद का ध्यान नहीं रखते.
अगर सपने में आपका पितर आपको छूता है या गले लगा लेता है तो इसका मतलब है कि वह अभी भी आपका मोह नहीं छोड़ पाए हैं और आपको करीब से देखते रहते हैं.
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत हो जाती है और आश्विन मास की अमावस्या पर इसका समापन होता है.
पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस पक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है.
इस साल पितृपक्ष 29 सितम्बर 2023 को शुरू हो रहे हैं और इसका समापन 14 अक्टूबर 2023 को होगा.
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