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जंगलों के बीच छिपा सिंघनगढ़ का रहस्यमय किला, मुश्किल से भरा है रास्ता, देख कर रह जाएंगे हैरान

Chhattisgarh mysterious Fort: छत्तीसगढ़ रहस्यमय से भरा प्रदेश है. यहां कई ऐसा अनसुलझी कहानियां के जिनके बारे में हमें पता नहीं है. ऐसा है एक जगह बलौदाबाजार में है. सिंघनगढ़ किला जिसे लेकर कई रहस्यमय कहानियां है.

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छत्तीसगढ़ से जुड़ी कई रहस्यमय कहानियां है जिनके बारे में हमें कभी सुना ही नहीं होगा.  छत्तीसगढ़ राज्य को अगर रहस्यमय से भरा राज्य कहे तो शायद वह गलत नहीं होगा. यहां भगवान राम के वनवास काल से भी जुड़ी कई कहानियां हैं. 

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ऐसा ही एक रहस्यमय से भरा छत्तीसगढ़ के घने जंगलों के बीच है. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के जंगलों के बीच सिंघनगढ़ का किला. ये किला एक अनसुलझा रहस्य बन कर रह गया है. बारनयापारा ये करीब 4 KM अंदर जंगल की ओर चढ़ाई करने के बाद ही सिंघनगढ़ का ये प्राचीन किला है.  

 

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स्थानीय लोगों का मानना है कि ये भूतों से भरा जगह है, वहीं कुछ लोग कहते है कि ये राजा महाराजा का बनाया हुआ किला है.  कहा जाता है कि यहां सिंधना धुर्वा नाम का एक गोड़ राजा था और यह किला उनका ही है.    

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सिंघनगढ़ किले तक जाने का रास्ता मुश्किलों से भरा हुआ है. छत्तीसगढ़ के इस रहस्यमय किले तक पहुंचने में आपको कई KM का सफर पैदल तय करना होगा. पत्थर-कंकड़ से इस पहाड़ी पर चढ़ाई करने के बाद ही सिंघनगढ़ किले का प्रवेश द्वारा आएगा. 

 

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किले में पहुंचने पर लगभग 17-18 फीट ऊंचा प्रवेश दिखेगा, जो किले की भव्यता को स्पष्ट दर्शाता है. पत्थरों को बिना किसी जोड़ाई के एक के ऊपर एक पत्थरों को जमा कर बनाए गए इस प्रवेश द्वार में बारीक नक्काशी भी स्पष्ट दिखाई देती है.

 

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सिंघनगढ़ किले का प्रवेश द्वार करीब 17 से 18 फिट ऊंचा होगा, प्रवेश द्वार किले की भव्यता को साफ-साफ दर्शाता है. पत्थरों को बीना किसी जोड़ाई के एक के ऊपर दूसरे को जमा कर बनाए गए इस प्रवेश द्वार की बनाई देखने लायक की है.  द्वार पर बारीक नक्काशी भी दिखाई देगी. 

 

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किले के शीर्ष पर लगभग ढाई फीट की छोटी-छोटी पत्थरों से नक्काशी की गई प्राकृतिक मूर्ति है. ऐसा कहा जाता है कि यहां के राजा इन मूर्ति की पूजा किया करते थे.  साल में एक पर यहां मेले का आयोजन भी किया जाता है और आसपास के गांव के लोग भी आते हैं.