Advertisement
trendingPhotos/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2301260
photoDetails1mpcg

अद्भुत MP, गोपाचल पर्वत पर स्थित है हजारों जैन मूर्तियां, बाबर से क्या है इसका कनेक्शन

Gopachal Parvat: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित गोपाचल पर्वत जैन धर्म का प्रमुख धार्मिक केंद्र माना जाता है. यहां भगवान पद्मासन पारसनाथ की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति है. कहा जाता है कि मुगल बादशाह बाबर इन मूर्तियों को नष्ट करने की कोशिश की थी.

1/7

मध्य प्रदेश का ग्वालियर अपने प्राचीन किले और मंदिरों के लिए जाना जाता है. उनमें से ही एक प्राचीन स्थल है गोपाचल पर्वत. इस जैन धर्म का प्रमुख धार्मिक केंद्र माना जाता है. 

 

2/7

गोपाचल पर्वत पर हजारों की संख्या में जैन भगवान की मूर्तियां है. सन् 1398 से 1536 के बीच में इन मूर्तियों का निर्माण तोमर वंश के राजा वीरमदेव, डूंगरसिंह और कीर्तिसिंह के समय काल में कराया गया था.  

 

3/7

गोपाचल पर्वत पर 42 फीट ऊंची भगवान पद्मासन पारसनाथ की मूर्ति स्थापित है. इसे भगवान पद्मासन पारसनाथ विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति कहा जाता है. 

 

4/7

गोपाचल पर्वत पर भगवान पार्श्वनाथ, केवली भगवान, और 24 तीर्थंकरों की 9 इंच से लेकर 57 फुट तक की मूर्तियां हैं. यहां लगभग 26 गुफाएं हैं, जिनमें सभी भगवानों की खड़ी और बैठने की मुद्रा में प्रतिमाएं स्थापित हैं. 

 

5/7

कहा जाता है कि जब मुगल बादशाह बाबर ने गोपाचल पर्वत पर कब्जा किया था तब बाबर ने पर्वत पर बनाई गई मूर्तियों को नष्ट करने की कोशिश की थी. ऐसा कहा जाता है कि जब मूर्तियों पर हमला किया गया तो एक अद्भुत घटना घटी. 

 

6/7

लोगों का कहना है कि कोई दिव्य शक्तियों के कारण बाबर और उसके सैनिक की भुजाओं में शक्ति ही नहीं रही और वह वहां से भर गए. इस तरह मूर्तियां नष्ट होने से बच गई.  हजारों साल बाद भी मूर्तियां पर्वत पर स्थापित है. 

 

7/7

गोपाचल पर्वत में कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व छिपे हुए है, जिनके बारे में जानने के लिए आपको एक बार यहां आना ही पड़ेगा. यहां के शांतिपूर्ण वातावरण में आपको आनंद का अनुभव होगा.