मध्य प्रदेश में सामने आए कथित पटवारी भर्ती घोटाले की जांच के लिए इंदौर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है. इधर, कांग्रेस ने घोटाले के लिए शिवराज सरकार को दोषी ठहराया है.
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MP NEWS/निधि सोलंकी/प्रिया पांडे: मध्य प्रदेश में सामने आए कथित पटवारी भर्ती घोटाले की खबरों के बीच मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है. हाईकोर्ट के रिटायर्ड या सिटिंग जज की अध्यक्षता में इसकी जांच की मांग को लेकर यह याचिका दायर की गई है.
जनहित याचिका की सुनवाई पूरी नहीं की जाती तब तक इसकी आगे की पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई है. हाईकोर्ट से इस जनहित याचिका के माध्यम से की गई है. इसकी पूरी सुनवाई न होने तक कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आगे की भर्ती के विज्ञापन जारी करने को प्रतिबंधित करने की मांग की गई है. अभ्यर्थियों की तरफ से एडवोकेट और समाजसेवी महेश्वर सिंह परमार ने यह याचिका लगाई है.
कांग्रेस ने साधा निशाना
इधर, पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर सियासत जारी है. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने चुनाव से पहले बड़ी घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो सभी परीक्षाएं निशुल्क होंगी. वचन पत्र में इसे शामिल करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मेडिकल घोटाला, नर्सिंग घोटाला, वर्ग-3 भर्ती घोटाले, कॉन्स्टेबल भर्ती घोटाला और अब पटवारी भर्ती घोटाला किया है.
जीतू पटवारी ने क्या कहा?
पटवारी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के खिलाफ व्यापमं पार्ट-3 को उजागर किया है. भ्रष्टाचार की गंगोत्री से करोड़ों रूपये लेकर सरकार पढ़े लिखे लोगों के साथ अन्याय कर रही है. प्रदेश में भविष्य संकट में है. एमपी में हमारे बच्चों का भविष्य संकट में है. व्यापमं में लाखों बच्चों का भविष्य अंधकार कर दिया है. व्यापम नाम बदलने से कुकर्म नहीं छुपते.
क्या है पूरा मामला
कुछ दिन पहले पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया है. इस परीक्षा में टॉप 10 में से 7 बच्चों का सेंटर NRI कॉलेज ग्वालियर था. 9 हज़ार चयनित अभ्यर्थियों में से लगभग 1 हजार चयनित अभ्यर्थियों का सेंटर NRI कॉलेज था. ज्यादातर टॉपर्स के हस्ताक्षर हिंदी में है व उनके इंग्लिश में 25/25 आए हैं. अब इस मामले में छात्रा और कांग्रेस जांच की मांग कर रहे हैं.