मंडला यातायात थाने में पदस्थ सूबेदार योगेश राजपूत की जिन्होंने जनसामान्य में यातायात के प्रति जागरूकता और ट्रैफिक सेंस लाने के लिए ट्रैफिक कंट्रोल करने वाला एक रोबोट बनाया है.
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विमलेश मिश्र/मण्डला: कहते है न कि यदि करने की तमन्ना हो तो बड़े से बड़े काम भी जुगाड़ से हो जाते है. जिस काम में लाखों की लागत आती हो वो जुगाड़ से ओर प्रभावशाली तरीके से भी किये जा सकता है. कुछ ऐसा ही किया है ट्रैफिक सूबेदार योगेश राजपूत ने. सूबेदार ने कबाड़ से जुगाड़ कर एक ट्रैफिक रोबोट तैयार किया है. जो न केवल चौराहे पर यातायात कंट्रोल करता है बल्कि चौराहे की वीडियोग्राफी भी करता है. मंडला जिले में एकमात्र ट्रैफिक सिग्नल चिलमन चौक है. जिला मुख्यालय में दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से लोग आते हैं. जिनमें ट्रैफिक नियमों की जानकारी एवं जागरूकता की कमी होती है. विशेष रूप से ऐसे लोगों को जागरूक करने और सिग्नल का पालन करना सिखाने के लिए पुलिस अधिकारी ने एक ऐसा अविष्कार कर डाला. जिसे देख कर लोगों ने बकायदा सिग्नल पर रुकना शुरू कर दिया है.
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दरअसल मंडला यातायात थाने में पदस्थ सूबेदार योगेश राजपूत की जिन्होंने जनसामान्य में यातायात के प्रति जागरूकता और ट्रैफिक सेंस लाने के लिए ट्रैफिक कंट्रोल करने वाला एक रोबोट बनाया है. रोबोट भी ऐसा जो ऑटोमेटिक ही ट्रैफिक को ट्रैफिक सिग्नल की तरह कंट्रोल करता है. रोबोट में एक कैमरा भी लगाया गया हैं. जो चौराहे की वीडियो रिकॉर्ड करता है. सूबेदार योगेश राजपूत ने बताया कि उन्होंने इस रोबोट का निर्माण आम जन में जागरूकता और ट्रैफिक सेंस लाने के लिए किया है. जिले की एकमात्र चौराहे पर इसे लगाए जाने से लोग इसके प्रति आकर्षित होंगे और इसे काम करते हुए देखकर सिग्नल का पालन करेंगे.
इंदौर में देश का पहला रोबोट ट्रैफिक
देश का पहला ट्रैफिक रोबोट इंदौर में जानकारी के अनुसार देश का पहला रोबोट ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए इंदौर में लगाया गया है. जिसे इंदौर की एक इंजीनियरिंग संस्था के द्वारा विकसित किया गया है और उसकी कीमत तीस लाख रुपए है. मंडला में लगाया गया रोबोट संभवत देश का दूसरा रोबोट होगा, जिसे ट्रैफिक कंट्रोल के लिए चौराहे पर लगाया जाएगा.
महज दो हजार की लागत में बना
सूबेदार योगेश राजपूत ने बताया कि रोबोट बनाने में उन्हें ₹2000 की लागत आई. घर में उपलब्ध चीजों एवं कुछ मेकनिज्म बनाकर इसे तैयार किया गया है. रोबोट को प्रायोगिक तौर पर बनाया गया है. इस पर अधिक काम करने के पश्चात इसकी कमियों को दूर कर अच्छा बनाया जाएगा.
यातायात जागरूकता के लिए नवाचार
पुलिस एवं प्रशासन के द्वारा लगातार यातायात जागरूकता और यातायात नियम का पालन करने सड़क , दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रचार-प्रसार एवं अथक प्रयास किए जाते हैं. जागरूकता के लिए इस तरह के प्रयोग निश्चित रूप से सार्थक साबित होंगे, ऐसे नवाचार जनसामान्य को जागरूक होने एवं यातायात नियमों के पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं.