Policeman Murder In Damoh: महेंद्र दुबे/दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में क्राइम लगातार बढ़ रहा है. अपराधियों के मन में पुलिस और कानून को लेकर मानों कोई भय ही नहीं है. धर्मांतरण और शिवलिंग खंडित करने के मामले के बाद अब पत्थरों से पीटकर एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई है. वारदात के बाद से इलाके में सनसनी फैली गई है.  कसाई मंडी इलाके में हुई इस घटना की पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू कर दी है.


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जवान पर पत्थरों से हमला
मामला दमोह के कसाई मंडी इलाके का है. यहां बनी पुलिस चौकी में एसएएफ के जवान तैनात हैं. शुक्रवार की देर रात ये जवान खाना खा रहे थे. तभी चौकी की बाहर कुछ लोग शोर गुल कर रहे थे. ड्यूटी पर तैनात जवान सुरेंद्र सिंह बाहर आये और लड़कों को शोर करने से मना किया, लेकिन पुलिस वाले का ये मना करना लड़कों को रास नहीं आया और कहा सुनी के बाद अज्ञात लड़कों ने पत्थरों से हमला शुरू कर दिया.


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इलाज मिलने से पहले मौत
पत्थरबाजी शुरू होने और शोरगुल बढ़ने पर चौकी में तैनात दूसरे जवान बाहर निकले, लेकिन तब तक सुरेंद्र के सर में गंभीर चोट आ चुकी थी और खून बह रहा था. चौकी के पास रहने वाले स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधी तब तक चौकी पहुंच गए. घायल पुलिसकर्मी सुरेंद्र को डायल 100 की मदद से जिला अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.


एसपी ने संभाला मोर्चा
इस हत्याकांड के बाद इलाके में तनाव फैल गया और देर रात ही एसपी डीआर तेवीआर ने मोर्चा संभाला और हालातों को काबू में किया. इस पूरे मामले में एसपी डीआर तेनीवार ने कहा कि घटना  गंभीर है और फिलहाल पुलिस जांच कर रही है और जल्दी ही आरोपियों तक पहुंचा जाएगा.


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कैसे होगी आम लोगों की सुरक्षा
मृतक पुलिस कर्मी के सहयोगी जवान के मुताबिक सुरेंद्र लड़कों को हल्ला करने से मना करने गया था, लेकिन उन्होंने उस पर हमला बोल दिया. वहीं भाजपा पार्षद कविता राय ने इलाके के हो रही वारदातों को लेकर चिंता जाहिर की. वे बोलीं- जब पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा. उनके के मुताबिक, जवान पर पत्थरों से हमला किया गया और उसका काफी खून बह गया था.


अपराधियों में खौफ नहीं
बता दें अभी कुछ दिनों पहले ही दमोह के धर्मांतरण की कोशिश का मामला सामने आया था, जिसमें बाल आयोग को भी एंट्री लेने पड़ी थी. इसके हाब शिवलिंग खंडित करने का भी एक मामला सामने आया था, जिसके बाद फैले तनाव के बाद पुलिस को शांति की अपील करनी पड़ी थी. अब पुलिसकर्मी की हत्या ये बाद दर्शाती है कि अपराधियों में पुलिस और कानून का खौफ नहीं बचा है.


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