बीजेपी ने ओबीसी वर्ग की महिला नेता कविता पाटीदार को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. अपने इसी फैसले को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. जबकि कांग्रेस भी बीजेपी पर ओबीसी वर्ग को धोखा देने का आरोप लगा रही है.
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भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों का ऐलान होने के बाद प्रदेश में एक बार फिर ओबीसी को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने ओबीसी वर्ग से आने वाली कविता पाटीदार को राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है. जबकि कांग्रेस ने विवेक तन्खा को फिर से राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है, हालांकि बीजेपी ने अब तक दूसरी सीट पर पत्ते नहीं खोले हैं. लेकिन इस पर बीजेपी ने कांग्रेस पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाया है, तो कांग्रेस भी इस मुद्दे पर भाजपा को घेर रही है.
ओबीसी को लेकर सियासत
दरअसल, प्रदेश के 48 फीसदी वोटरों को साधने के लिए सियासी संग्राम शुरू हो गया है. बीजेपी ने ओबीसी वर्ग की महिला नेता कविता पाटीदार को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. अपने इसी फैसले को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. दरअसल इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस भी किसी ओबीसी नेता को राज्यसभा भेज सकती है, जिसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का नाम सामने आ रहा था, लेकिन पार्टी ने विवेक तन्खा पर ही दोबारा से भरोसा जताया, ऐसे में अब अरुण यादव को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर निशाना साध रही है. जिस पर अरुण यादव ने भी ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है.
कमलनाथ ने साधा बीजेपी पर निशाना
कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ''ओबीसी वर्ग के अधिकार छीनने में भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी है, वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बहाना बनाकर अपने षड्यंत्र को छुपाना चाहते हैं. लेकिन अगर वह सच में ओबीसी को अधिकार देना चाहते तो हमारी मांग के मुताबिक संविधान में संशोधन करके ओबीसी को स्थाई रूप से उनका अधिकार दे देते.''
बीजेपी ने किया पलटवार
कमलनाथ के आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया, बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ''कांग्रेस के अरुण यादव ताकते रहे और भाजपा की कविता पाटीदार राज्यसभा जा रही हैं. जबकि कांग्रेस उनको फिर से राज्यसभा भेज रही है, जिन्होंने ओबीसी आरक्षण को खत्म करवाया था.
अरुण यादव ने भी दी सफाई
कांग्रेस के सीनियर नेता अरुण यादव राज्यसभा के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन अब इस मामले में अरुण यादव ने सफाई दी है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, मुझे सांसद, मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष बनाया छोटे भाई सचिन यादव को विधायक मंत्री बनाया, जबकि पिताजी सुभाष यादव को सात बार विधायक, सांसद, उप मुख्यमंत्री बनाया यह पार्टी का कर्ज मुझ पर है पार्टी को मजबूत करने के लिए जो बेहतर होगा वह करूंगा.
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