चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम: मध्यप्रदेश में बरसात का दौर अभी थमा नहीं है और इसके कारण होने वाले सड़कों पर गड्ढे हर बारिश में मौत के गड्ढे बनकर सामने आते है. हर साल ये बरसाती गड्ढे न सिर्फ बड़े बल्कि ज्यादातर मासूम बच्चों की मौत का कारण बनते है. आपको जानकार हैरानी होगी कि पिछले 2 हफ्तों में ही इन गड्ढ़ों के कारण 5 बच्चों की मौत हो गई है.


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5 बच्चों की मौत हुई 
इस वर्ष भी 15 दिनों में अलग-अलग बरसाती पोखर (गड्ढे) में 5 बच्चो की मौत हो चुकी है लेकिन इस ओर निगम कभी ध्यान नहीं देता है. बता दें कि रतलाम महापौर स्वच्छता के लिए लक्की ड्रॉ योजना की शुरुआत कर रहे हैं. वहीं स्वच्छता के लिए आये दिन वार्डों में निगम के स्वच्छता अधिकारी दरोगा व कर्मचारी को लताड़ लगा रहे है. लेकिन मौत के इन बरसाती गड्डो पर ध्यान नहीं है.


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परिजनों की गलती के वजह से हादसा
ज़ी मीडिया ने जब महापौर प्रह्लाद पटेल से इन बरसाती गड्डो को लेकर सवाल किया तो महापौर ने पहले तो आम जनता पर ही ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि परिजन की लापरवाही के कारण ये मौते हुई है. बाद में महापौर ने इन बरसाती गड्डो को लेकर चिंता जताते हुए सम्बन्ध में संज्ञान लेने की बात कही.


सहायता राशि दी गई
महापौर ने बताया कि इस तरह के खतरनाक गड्डों के पास तारा फेंसिंग के अलावा जहां ज्यादा डेंजर ज़ोन है, वहां पुलिस जवान खड़े किए जाएंगे. इसके अलावा अभी तक जिन मासूम की इन गड्डों में मौत हुई उन्हें सहायता राशि भी स्वीकृत की गई है. 


अभी तक कोई फेंसिंग नहीं की गई
ये तो हुई महापौर की बात जिन्होंने कहा कि डेंजर जोन में पुलिस जवान खड़े किए जाएंगे. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है. बता दें कि अभी तक नगर सीमा में कही भी इस तरह से बरसाती गड्डों के आसपास फेसिंग या किसी सुरक्षा कर्मी को तैनात नहीं किया गया है.