हालांकि बढ़ाई गई एक साल की टाइम लिमिट के लिए कॉलोनाइजर को 20 फीसदी अतिरिक्त विकास शुल्क भी देना होगा.
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नई दिल्लीः किसी कॉलोनी में प्लॉट खरीदकर मकान बनाने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल प्लॉट पर मकान बनाने के लिए कॉलोनी में विकास कार्य पूरे होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. दरअसल सरकार ने नियमों में बदलाव किया है. जिसके तहत अब कॉलोनी के विकास की अनुमति मिलते ही प्लॉट धारक भी अपने मकान का निर्माण शुरू कर सकते हैं. अभी तक कॉलोनी का विकास पूरा होने के बाद ही भवन निर्माण की अनुमति मिलती थी.
ये हुआ बदलाव
मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्यप्रदेश के नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 और 1961 में बदलाव किया है. इस बदलाव के तहत कॉलोनाइजर या निर्माण करने वाली एजेंसी को कॉलोनी का विकास करने के लिए 5 साल समय मिलेगा. यह समय कॉलोनी को अनुमति मिलने के बाद शुरू होगा. साथ ही इस 5 साल की टाइम लिमिट को एक साल के लिए बढ़ाया भी जा सकेगा.
हालांकि बढ़ाई गई एक साल की टाइम लिमिट के लिए कॉलोनाइजर को 20 फीसदी अतिरिक्त विकास शुल्क भी देना होगा. कॉलोनाइजर को कॉलोनी के विकास के लिए 5 साल का समय देने के साथ ही कॉलोनी के प्लॉट धारकों को ये भी छूट भी दी गई है कि वह कॉलोनी को विकास की अनुमति मिलते ही मकान निर्माण का काम शुरू कर सकते हैं और उन्हें 5 साल तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है.
विकास पूरा करना जरूरी
इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बिल्डर के बंधक प्लॉट तभी छूटेंगे, जब वह कॉलोनी का विकास पूरा कर देगा. यदि बिल्डर तय समय में ऐसा नहीं कर पाता है तो बंधक प्लॉट को बेचकर कॉलोनी के विकास की अनुमति देने वाली एजेंसी कॉलोनी का विकास कराएगी.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने राज्य में 6 हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियों को भी वैध करने का फैसला किया है. इन अवैध कॉलोनियों के नियमित होने से यहां रहने वाले लोगों को काफी फायदा मिलेगा और अब उन्हें बिल्डिंग निर्माण की परमिशन भी मिल जाएगी और बैंक लोन भी मिल सकेगा.