1 से 5वीं तक की कक्षाएं में 50 % क्षमता और 8वीं, 10वीं व 12वीं कक्षाएं शत प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित की जाएंगी. वहीं 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास की सुविधा भी 50% क्षमता के साथ होगी. राजधानी में स्कूल खुलने के एक दिन पहले रविवार को पूरी तैयारी कर ली गई.
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प्रमोद शर्मा/भोपाल: पूरे डेढ़ साल बाद मध्य प्रदेश में स्कूल खुल रहे हैं, सरकारी और निजी स्कूलों में लंबे समय से खाली पड़े क्लास रूम अब फिर से बच्चों की आवाज से गूंजेंगे.1 से 5वीं तक की कक्षाएं में 50 % क्षमता और 8वीं, 10वीं व 12वीं कक्षाएं शत प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित की जाएंगी. वहीं 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास की सुविधा भी 50% क्षमता के साथ होगी. राजधानी में स्कूल खुलने के एक दिन पहले रविवार को पूरी तैयारी कर ली गई.
बता दें कि स्कूलों और छात्रावासों में भारत सरकार और राज्य स्तर से जारी एसओपी और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करवाया जाएगा.छात्रों के लिए पहले की तरह ऑनलाइन क्लास भी पहले की तरह ही संचालित की जाएगी. अभिभावकों की सहमति से ही छात्र विद्यालय छात्रावास में उपस्थित हो सकेंगे. जिन बच्चों के पास माता-पिता का लिखित सहमति पत्र नहीं होगा, उन्हें क्लास में प्रवेश नहीं मिलेगा.
पीटीएम के बाद खोले गए स्कूल
प्राइमरी स्कूल खुलने से ठीक पहले पैरंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) की गई. जिसमें बच्चों को रोजाना स्कूल भेजने को लेकर चर्चा की गई. जिसमें सामने आया कि कुछ माता-पिता बच्चों को भेजने के लिए तैयार हैं, जबकि कुछ अब भी कोरोना के डर के चलते बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते.
ये लक्षण होने पर स्कूल में नहीं होगी एंट्री
शिक्षकों ने अभिभावकों से आग्रह किया कि अगर किसी बच्चे में सर्दी-खांसी-जुकाम, बुखार के लक्षण हैं, तो उसे स्कूल बिल्कुल भी ना भेजें. स्कूल ना आने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन पहले की तरह ही किया जाएगा.
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