स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को PM मोदी ने किया याद, शिष्य ने दी अंतिम दर्शन और समाधि की जानकारी
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स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को PM मोदी ने किया याद, शिष्य ने दी अंतिम दर्शन और समाधि की जानकारी

Shankaracharya Swami Swaroopanand Samadhi: द्वारका और शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की आयु में निधन हो गया. उन्होंने नरसिंहपुर के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में अंतित सांस ली. उनके शिष्य ने समाधि के समय और अंतिम दर्शन के बारे में जानकारी दी.

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को PM मोदी ने किया याद, शिष्य ने दी अंतिम दर्शन और समाधि की जानकारी

अजय राठौर/नरसिंहपुर: द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया. उन्होंने 99 साल की उम्र में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में आखिरी सांस ली. स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरुओं में से एक माना जाता था. कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपना 99वां जन्मदिवस मनाया था. उनके शिष्य सदानंद ने समाधि के समय और अंतिम दर्शन के बारे में जानकारी दी.

समाधि से पहले शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन
शंकराचार्य महाराज को जहां समाधि दी जाएगी उसका निरीक्षण करते हुए सदानंद जी महाराज ने की मीडिया से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि सोमवार शाम 4 बजे उनकी समाधी होगी. इससे पहले सभी पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

निधन के बाद झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की पार्थव देह मणिदीप आश्रम से गंगा कुंड स्थल पालकी में रखकर लाया गया. यहीं भक्त अंतिम दर्शन कर पाएंगे. इसके बाद समाधि होगी.

पीएम मोदी समेत दिग्गजों ने किया याद
महराज के निधन के बाद उनके भक्तों में शोक है. देश भर से दिग्गज उनके निधन पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, सीएम शिवराज, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, योगी आदित्या नाथ, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्या सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और दिग्विजय सिंह, कमलनाथ समेंत लगभग सभी नेताओं ने महराज को याद किया और श्रद्धांजली दी.

अपनी तैयारी में जुटी पुलिस और प्रशासन
अंतिम दर्शन के लिए अभी से भक्तों की भीड़ जुटने लगी है. वहीं कल सुबह से ही कई वीआईपी के आने की संभावना है. इसी कारण सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और जिला प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है. आश्रम के आस-पास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

बेंगलुरु में चल रहा था इलाज
बता दें शंकराचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका बेंगलुरु में इलाज चल रहा था. हाल ही में वे आश्रम लौटे थे. शंकराचार्य के शिष्य ब्रह्म विद्यानंद ने बताया- स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार को शाम 4 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी. स्वामी शंकराचार्य आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे. उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी.

2 सितंबर 1924 से 11 सितंबर 2022 तक रहा जीवन काल
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था. महज 9 साल की उम्र में इन्होंने घर छोड़ धर्म की यात्रा शुरू कर दी थी. 1942 में वे अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में कूद पड़े और 19 साल की आयु में वह क्रांतिकारी साधु के रूप में प्रसिद्ध हुए. इस कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. वो 1950 में दंडी संन्यासी बनाए गए, जिसके बाद 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली.

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