धार जिले में कारम डैम लीकेज मामले में खतरा भले ही टल गया हो लेकिन इसे लेकर एमपी की शिवराज सरकार सख्त हो गई है. सीएम शिवराज सिंंह चौहान ने इस मामले में एक जांच कमेटी बना दी है जिसे 5 दिन में इसकी रिपोर्ट सबमिट करनी है.
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प्रमोद शर्मा/भोपाल: धार बांध लीकेज मामले को लेकर शिवराज सरकार सख्त हो गई है और जांच के आदेश दे दिए हैं. पांच दिन में इस मामले की रिपोर्ट मांगी गई है.
5 दिन में मांगी है रिपोर्ट
धार जिले में डैम छतिग्रस्त मामले के लिए सरकार ने जांच कमेटी गठित कर दी है. सरकार ने अपर सचिव जल संसाधन विभाग की अध्यक्षता में 4 सदस्य जांच कमेटी बनाई है. बांध छतिग्रस्त मामले की कमेटी से जांच कर सरकार ने 5 दिन में प्रतिवेदन मांगा है.
जिम्मेदारी का किया निर्धारण
निर्माणाधीन कारम डैम के क्षतिग्रस्त होने की परिस्थितियां जिम्मेदार अधिकारियों के उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जा रहा है जिससे भविष्य घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो. इस संबंध में सुझाव, दिशा-निर्देश भी कमेटी से मांगे हैं.
कमेटी में है ये सदस्य
इस कमेटी के अध्यक्ष मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग में आशीष कुमार को बनाया गया है. राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र भोपाल के डॉ. राहुल कुमार जयसवाल, ब्यूरो ऑफ डिजाइन एंड हाइडल जल संसाधन विभाग भोपाल के मुख्य अभियंता दीपक सातपुते और बोधी भोपाल में बांध सुरक्षा के संचालक अनिल सिंह शामिल हैं.
क्या था मामला
बता दें कि बता दें कि गुरुवार को धार जिले के कारम डैम में पानी का रिसाव शुरू हुआ था. उसके बाद उसे ठीक करने का काम एमपी की शिवराज सरकार ने युद्ध स्तर पर किया. करीब तीन दिन तक चली मशक्कत के बाद सोमवार को आखिरकार कारम डैम का पानी पूरी तरह से निकल गया. जिससे किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ग्रामीणों को नहीं करना पड़ा. फिलहाल डैम पूरी तरह से सुरक्षित है. हालांकि बांध में दरार को लेकर उपजा संकट भले ही टल गया हो पर सियासी बबाल जारी है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पर एक जांच कमेटी गठित की थी तो वहीं एमपी की सरकार ने भी इस पर कमेटी गठित कर दी है और पांच दिन में इसकी रिपोर्ट मांगी है.
शिवराज सरकार पर कमलनाथ हमलावर
इस बीच मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने कारम डैम को लेकर प्रेस वार्ता कर कई सवाल खड़े किए. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज धार ज़िले के कारम नदी पर बने क्षतिग्रस्त बांध को देखने पहुंचे. उन्होंने धरमपूरी तहसील के दूधी गांव में पहुंचकर प्रभावित ग्रामीणों से बातचीत की, उनका हाल जाना और प्रभावितों से मिलकर वास्तविकता को जाना. इस दौरान प्रभावित किसानों ने कमलनाथ को बताया कि इस आपदा में उनकी फसल बह गई है, घर बह गए हैं, खेत की मिट्टी भी बांध के पानी के साथ बह गई है.
'भ्रष्टाचार का डैम फूटा'
कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में बताया कि यह डैम भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की निशानी है. उनकी एक बड़ी लापरवाही है. मैं आज ख़राब मौसम में यहाँ आया हूँ, यह देखने कि किस प्रकार शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का डैम फूटा है. इसके कारण कई बेकसूर लोगों को प्रभावित होना पड़ा है. मैंने अपनी सरकार में ई-टेंडर को लेकर कार्रवाई शुरू की थी. उसी समय हमारी सरकार गिरा दी गयी. आज मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की बाढ़ आयी हुई है. इससे हर वर्ग प्रभावित है. आज हर ठेके में भ्रष्टाचार है, जब तक भ्रष्टाचार ना हो, सौदा पूरा नहीं होता है.
आज इतनी सारी योजनाएँ रुकी पड़ी है क्योंकि दलाली का सौदा पूरा नहीं हुआ है. इस डैम से धार के 12 और खरगोन के 8 गाँव प्रभावित हुए हैं. ज़्यादातर आदिवासी गाँव है. कई प्रभावित किसानों से मिला, सरकार ने इनके लिये कोई प्रबंध नहीं किये.यह सबूत है कि किस प्रकार पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार की दीमक लग गई है और यह दीमक नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
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