MP Assembly Election 2023: 'पेशाब कांड' के बाद सुर्खियों में आई विंध्य क्षेत्र की सीधी विधानसभा सीट एक बार फिर से चर्चाओं में है. चर्चा की वजह है विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा की ओर से जारी की गई 39 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट. इस लिस्ट में सीधी विधानसभा सीट से सांसद रीति पाठक को चुनावी मैदान में उतारा गया है.
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Seat Analysis: 'पेशाब कांड' के बाद सुर्खियों में आई विंध्य क्षेत्र की सीधी विधानसभा सीट एक बार फिर से चर्चाओं में है. चर्चा की वजह है विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा की ओर से जारी की गई 39 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट. इस लिस्ट में सीधी विधानसभा सीट से सांसद रीति पाठक को चुनावी मैदान में उतारा गया है. चर्चा की दूसरी वजह है कि यहां से वर्तमान भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट दिया गया है.
केदारनाथ शुक्ला के टिकट कटने की सबसे बड़ी वजह 'पेशाब कांड' है. क्योंकि पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला भाजपा से जुड़ा हुआ था और विधायक केदार नाथ का करीबी था. इस घटना के बाद भाजपा पर मध्य प्रदेश में आदिवासियों के अपमान आरोप लगा, हालांकि, शिवराज सिंह चौहान चरण धोकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की और अब केदारनाथ का भी टिकट काट दिया.
आखिरी चुनाव की स्थिति
साल में 2018 में यहां हुए आखिरी चुनाव में केदारनाथ शुक्ला ने कांग्रेस के कमलेश्वर प्रसाद 19,986 वोटों से हरा दिया था. इस सीट पर 45 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. सीधी विधानसभा सीट सीधी लोकसभा के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से रीति पाठक सांसद हैं. अब भाजपा ने उन्हें विधानसभा के मैदान में उतार दिया है. रीति पाठक को टिकट मिलने के बाद चुनाव इंटरेस्टिंग हो गया है. रीति पाठक ने 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अजय सिंह को हराया था.
रीति पाठक
रीति पाठक सीधी से लगातार दो लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं, उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. हालांकि वह विधानसभा चुनाव पहली बार लड़ेगी. ऐसे में इस बार भी उन पर सबकी नजरें होगी. सीधी से स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं. वह 4 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं, ऐसे में उनका टिकट कटने के बाद अगला कदम क्या होगा, इस पर अब सबकी निगाहें होंगी.
सीधी विधानसभा सीट वोटर्स और जातिगत समीकरण
विधानसभा चुनाव 2018 के पहले आई वोटर लिस्ट के अनुसार, सीधी में 2.24 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं, जिसमें 1,06 लाख से ज्यादा महिला वोटर्स और 1.17 लाख से ज्यादा पुरुष वोटर्स हैं. क्षेत्र में सबसे ज्यादा गोंड मतदाता हैं. ब्राह्मण, क्षत्रिय और साहू वोटर्स भी निर्णायक स्थिति में हैं. शहरी इलाके में व्यापारी वर्ग ही हार-जीत तय करता है.
सीट का इतिहास
2018- बीजेपी के केदारनाथ शुक्ला
2013- बीजेपी के केदारनाथ शुक्ला
2008- बीजेपी के केदारनाथ शुक्ला
2003- कांग्रेस के इंद्रजीत कुमार
1998- कांग्रेस के इंद्रजीत कुमार
1993- कांग्रेस के पतिराज सिंह
1990- बीजेपी के अमर सिंह
1985- बीजेपी के अन्नथ सिंह
1980- कांग्रेस के पतिराज सिंह
1977- जेएनपी में जगन्नाथ सिंह