madhya pradesh news-एमपी अजब है गजब है ये सबने सुना ही है. नरसिंहपुर जिले के गाड़रवारा से एक ऐसा ही गजब का मामला सामने आया है. जहां तहसील में एक मृत व्यक्ति के नाम से आवेदन आया. आवेदन पर तहसील में सुनवाई भी हो जाती है. यहां तक भी ठीक था लेकिन आगे मामले में फैसला भी आ जाता है.
मामले में फैसला आने के बाद मृतक का चचेरा भाई सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है. मृतक का भाई अब कलेक्टर कार्यालय से लेकर राजस्व के आला अधिकारियों के चक्कर काट रहा है.
3 साल पहले हो चुकी है मौत
पैर से विकलांग देवेंद्र कौरव का कहना है कि उसके चचेरे चंद्रभान सिंह की मौत 2021 में हो गई थी. जिसकी मौत का प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत कजरोटा ने जारी भी कर दिया था. लेकिन उसकी मौत के बाद 2022 में मृतक चंद्रभान सिंह कौरव के नाम से गाडरवारा तहसील कार्यालय में केस की सुनवाई होती है और नक्शा दुरुस्ती का आदेश जारी कर दिया जाता है. इस बारे में जब पीड़ित देवेंद्र को जानकारी मिली तो उसके पैरों के तले से जमीन खिसक गई और हक्का बक्का रह गया. उनका कहना है कि जब मेरे भाई की मौत 2021 में हो गई तो उनके नाम से आवेदन कैसे लग सकता है. इसकी शिकायत पीड़ित ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर की है.
तहसीलदार ने दी सफाई
वहीं पूरे मामले को लेकर तहसीलदार अनु जैन ने पूरी गलती लोक सेवा कार्यालय की बताई. उन्होंने कहा कि लोक सेवा कार्यालय से यह आवेदन हमारे यहां आया था जिस पर हमने सुनवाई की.