सूरजपुर इलाके में हाथियों का आतंक लगातार जारी, वन विभाग कर्मचारियों और विधायक जी ने साधी चुप्पी
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सूरजपुर इलाके में हाथियों का आतंक लगातार जारी, वन विभाग कर्मचारियों और विधायक जी ने साधी चुप्पी

प्रतापपुर वन परीक्षेत्र में हाथियों का आतंक कोई नई बात नहीं है. पिछले एक महीने में इस इलाके में हाथियों ने 4 गांव वालों की जान ले ली है. हाथी यहां दर्जनों मकान तोड़ चुके हैं और सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद कर दी है, जिसके बाद से गांव में दहशत का माहौल है.

सूरजपुर इलाके में हाथियों का आतंक लगातार जारी, वन विभाग कर्मचारियों और विधायक जी ने साधी चुप्पी

 

शिवकांत आचार्य/सूरजपुर: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का आतंक कोई नई बात नहीं है. पिछले एक महीने में इस इलाके में हाथियों ने 4 गांव वालों की जान ले ली है. हाथी यहां दर्जनों मकान तोड़ चुके हैं और सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद कर दी है, जिसके बाद से गांव में दहशत का माहौल है. इससे निपटने के लिए ग्रामीणों को वन विभाग के सहयोग की सबसे ज्यादा जरूरत है, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी इस समय हड़ताल पर चल रहे हैं.

अपनी सुरक्षा खुद करने को मजबूर

कर्मचारी विभाग के बाकी काम कर रहे हैं, लेकिन हाथी संबंधित कार्यों को बंद करने का निर्णय कर चुके हैं. ऐसे में ग्रामीण अपनी सुरक्षा खुद करने को मजबूर हैं और इसके लिए गांव वाले जिनमें बच्चे, वृद्ध और महिलाएं भी शामिल हैं सभी रात भर जाग कर हाथियों को रोकने की कोशिश में लगे रहते हैं. इसमें इनकी जान को भी खतरा है, लेकिन ग्रामीण मौत के साए में जीने को मजबूर हैं.

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दशकों से है हाथियों का आतंक

बता दें ये क्षेत्र पिछले कई दशकों से हाथियों के आतंक को झेल रहा है. अभी तक इस इलाके में हाथियों ने दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया है, लेकिन वन कर्मचारी संघ ने हाथियों को रोकने की ड्यूटी करने से साफ मना कर दिया है.  ऐसी स्थिति में रात भर लोग खुद अपने परिवार को सुरक्षित करने में जुटे हैं. ना तो वन विभाग और ना ही जनप्रतिनिधि इनकी सुध ले रहे हैं. इलाके के विधायक प्रेमसाय सिंह टेकाम हैं, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री भी हैं. बावजूद इसके ग्रामीणों की फरियाद कोई सुनने को तैयार नहीं है.

कर्मचारियों के निलंबन वापस लेने की है मांग

29 सितंबर को हाथी ने एक व्यक्ति को मार दिया था, जिसके बाद रेंजर सहित तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था. इसको लेकर वन विभाग के कर्मचारी नाराज़ हैं और सभी कर्मचारियों के निलंबन की वापसी की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि निलंबन वापस लेने के बाद ही वो काम पर लौटेंगे. वन कर्मचारी संघ के द्वारा अधिकारियों को 5 अक्टूबर तक का समय दिया गया है, यदि उस समय तक उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वो आगे उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. कुछ अधिकारी भी इन कर्मचारियों की मांग का समर्थन कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि जल्द ही कर्मचारियों की मांगे पूरी होंगी और वो अपने काम पर लौटेंगे, जिससे गांव वालों की परेशानी का हल निकल सकेगा.

बता दें विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस के नेता हाथियों के आतंक को लेकर सड़क से विधानसभा तक अपनी लड़ाई लड़ चुके हैं और बीजेपी को घेरा करते थे, लेकिन आज लगभग 3 सालों से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. बावजूद इसके ग्रामीणों की सहायता तो दूर हाथी के द्वारा किसी ग्रामीण की मौत के बाद भी विधायक ने इसकी कोई सुध नहीं ली. इससे ये साफ है कि वोट मांगने के लिए गांववालों को सिर पर बिठाने वाले नेताजी के लिए आज हाथी के आतंक की समस्या का कोई हल नहीं है.

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