मध्यप्रदेश के मंदसौर में आस्था के नाम पर अंधविश्वास की तस्वीर दिखाई दी, यहां के धमनार में दशहरा परंपरा के नाम पर जान को जोखिम में डालने वाला एक दूसरे पर जलते उपले फेंकने का उपक्रम किया गया.
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मनीष पुरोहित/मंदसौर: मध्यप्रदेश के मंदसौर में आस्था के नाम पर अंधविश्वास की तस्वीर दिखाई दी, यहां के धमनार में दशहरा परंपरा के नाम पर जान को जोखिम में डालने वाला एक दूसरे पर जलते उपले फेंकने का उपक्रम किया गया. पुलिस प्रशासन की टीम इस दौरान मूकदर्शक बनकर खड़ी रही, हालांकि कोरोना काल के चलते इस बार यहां दशहरा मेला नहीं हुआ लेकिन इस परंपरा को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग दशहरा मैदान पर इकट्ठा हुए.
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उपले फेंके जाते है
गौरतलब है कि देश भर में दशहरा पर्व मनाने की अलग अलग परंपरा है. कहीं रावण का वध किया जाता है तो कहीं जलाया जाता है तो कहीं पूजा भी जाता है. लेकिन मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के ग्राम धमनार में इस परंपरा के दौरान दो हिस्सों में बंटी सेना एक दूसरे पर जलते हुए उपले फेंकती है. जिस से दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है.
यहां रावण के वध की अनूठी परंपरा है
यहां सबसे पहले राम और रावण की सेना में युद्ध होता है. वो भी आग के गोलों से ,बांस की बनी पुरानी टोकरियों में आग लगाकर एक दूसरे की सेना पर फेंका जाता है. कई देर तक ये युद्ध चलता है. जिसमें आग की टोकरियों को एक दूसरे के ऊपर फेंका जाता है. आखिरकार राम की सेना रावण की प्रतिमा के पास पहुंच जाती है, लेकिन वहां भी विजय आसान नहीं है.
रावण की नाक पर मुक्का मारना
राम की सेना का लक्ष्य हैं, रावण की नाक पर मुक्का मारना लेकिन ऐसी टांग खिचाई की देखते ही बनती है. रावण की सेना किसी भी सूरत में रावण की नाक तक राम के सैनिको को नहीं पहुंचने देती है. लेकिन आखिर कार विजय सत्य की होती है और राम का सैनिक रावण की नाक पर मुक्का मारकर रावण के अहंकार का वध कर देते हैं.
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