Vaikunth Chaturdashi 2022: बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के साथ करें शिव की पूजा, मिलेगा दोगुना फल
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Vaikunth Chaturdashi 2022: बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के साथ करें शिव की पूजा, मिलेगा दोगुना फल

Vaikuntha Chaturdashi 2022: आज यानी 06 नवंबर को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. आज के दिन भगवान विष्णु के साथ शंकर जी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कैसे करें भगवान विष्णु के साथ शंकर जी की पूजा...

Vaikunth Chaturdashi 2022: बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के साथ करें शिव की पूजा, मिलेगा दोगुना फल

Baikuntha Chaturdashi 2022: आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, इसे बैकुंठ चतुर्दशी भी कहते हैं. आज के दिन चतुर्मास के बाद आज के दिन भगवान भोले शंकर सृष्टि का कार्यभार भगवान श्री हरि विष्णु को सौंपते हैं. इसके बाद से सृष्टि का संचालन भगवान विष्णु करते हैं. आज दोनों देवों का मिलन होता है. इसलिए ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु के साथ शंकर जी की पूजा करने से हमारे सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं. आइए जानते हैं पूजा विधि और महत्व के बारे में...

भगवान विष्णु और शंकर की एक साथ होती है पूजा
पूरे साल में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी ही एक मात्र ऐसी तिथि है जिस दिन भगवान विष्णु और भोले शंकर की पूजा की जाती है. इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज यानी 06 नवंबर को है. ऐसे में आज के दिन भगावन विष्णु के साथ शंकर जी की पूजा करने से हमारे सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही हमें कई गुना अधिक पुण्य मिलता है.

पूजा शुभ मुहूर्त
इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी यानी बैकुंठ चतुर्दशी पर बेहद शुभ रहने वाला है, क्योंकि इस बार बैकुंठ चतुर्थी पर रवि योग बन रहा है. रवि योग की शुरुआत सुबह 06 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. इस शुभ योग में भगवान विष्णु और विष्णु की पूजा करना विशेष लाभकारी होता है.

बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि
आज सुबह स्नान करने के पश्चात साफ-सूथरे वस्त्र पहन कर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शिवलिंग और केले के पेड़ में जल अर्पित करें. वहीं शुभ मुहूर्त में घर के मंदिर में भगवान विष्णु और शिव की एक साथ आराधना करें. पूजा के दौरान भगवान शिव को बेलपत्र और भगवान विष्ण को तुलसी पत्र चढ़ाएं. ऐसी मान्याता है कि इस दिन जो लोग सच्चे मन से विधि विधान से पूजा करते हैं. उन पर भगावन विष्णु और भगवान भोले शंकर दोनों की कृपा प्राप्त होती है और उसके जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती और वो हमेशा खुशहाल रहते हैं.

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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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