Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल के बाद मध्य प्रदेश में भी विधानसभा और लोकसभा की सीटों में बदलाव होगा. इसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी बता रहे हैं.
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Women Reservation Bill: देश में महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास हो गया, कल इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इस बिल के बाद राजनीति में आधी आबादी की 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित हो जाएगी. जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा के साथ-साथ सभी प्रदेशों में विधानसभाओं की स्थिति भी बदल जाएगी. महिला आरक्षण का मध्य प्रदेश की राजनीति में भी बड़ा असर देखने को मिलेगा. अगर बिल लागू होता है तो फिर मध्य प्रदेश में वर्तमान परिदृश्य में महिला विधायक और सांसदों की संख्या कितनी होगी इसकी पूरी जानकारी हम आपको बताने जा रहे हैं.
एमपी में इतनी महिलाएं बनेगी विधायक-सांसद
दरअसल, महिला आरक्षण बिल के बाद मध्य प्रदेश की विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या बढ़ जाएगी. इसके अलावा लोकसभा से भी ज्यादा प्रतिनिधित्व जाएगा. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर लोकसभा महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल पास होता है तो फिर जो फॉर्मूला तय होगा, उस हिसाब से मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 76 सीटों पर महिलाओं को ही मौका दिया जाएगा, यानि विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 76 होगी.
वहीं प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 9 सीटों पर महिलाएं ही चुनाव लड़ेंगी. फिलहाल मध्य प्रदेश में चार महिला सांसद हैं, लेकिन महिला आरक्षण बिल लागू होने के बाद महिला सांसदों की संख्या बढ़ जाएगी. यानि दोनों सदनों में महिला जनप्रतिनधियों की संख्या बढ़ जाएगी.
वर्तमान में प्रदेश में 21 महिला विधायक
वर्तमान में प्रदेश में 21 महिला विधायक हैं, जिनमें से 11 बीजेपी की हैं, जबकि 9 कांग्रेस की और एक विधायक बसपा से हैं. खास बात यह है कि मध्य प्रदेश में महिला वोटर्स की संख्या 48 प्रतिशत हैं, ऐसे में महिला आरक्षण बिल लागू होने के बाद विधायकों की संख्या बढ़ जाएगी.
पिछले चार चुनावों में महिला प्रत्याशियों का सिनेरियो
बीजेपी
कांग्रेस
यानि 230 विधानसभा सीटों के हिसाब से देखा जाए तो दोनों ही पार्टियों ने महिला प्रत्याशियों को उम्मीद से कम ही टिकट दिए थे. लेकिन महिला आरक्षण के बाद यह सिनेरियों पूरी तरह से बदल जाएगा. क्योंकि प्रदेश में महिला वोटर्स की संख्या भी बढ़ी है. मध्य प्रदेश में फिलहाल 5.52 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 2.67 करोड़ महिलाएं हैं. इस हिसाब से प्रदेश में महिला वोटर्स की संख्या भी बढ़ रही है, ऐसे में सीटें बढ़ने से महिला जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व बढ़ जाएगा.
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