world sanskrit day 2022: 12 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है. इस अवसर पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि जिस देश भारत में संस्कृत का जन्म हुआ, वहां इसमें क्या नया हो रहा है.
Trending Photos
श्यामसुंदर गोयल/नई दिल्ली: संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए देश में कई संस्थान हैं जिसमें से एक मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी है. हमने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल सेंटर के निदेशक प्रो. रमाकान्त पाण्डेय से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
15 अगस्त को होने वाला है संस्कृत का नाटक
उन्होंने बताया कि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए नाटकों के माध्यम से अपनी बात कही जा रही है. इसके लिए 15 अगस्त को मध्य प्रदेश के विदिशा में मथुरा प्रसाद दीक्षित द्वारा लिखित "भारतविजयम्" की प्रस्तुति होने वाली है जिसमें संस्थान के छात्र भीअपनी कला का प्रदर्शन करने वाले हैं. ये नाटक संस्कृत भाषा में किया जाने वाला है.
बहुत ही खास है संस्कृत का नाटक
ये नाटक बहुत ही खास है जिसे 1937 में पहली बार खेला गया था. इस नाटक में बताया गया है कि कैसे अंग्रेज भारत में आए और कैसे इन्होंने भारत में कब्जा किया. चूंकि संस्कृत भाषा अंग्रेजों को आती नहीं थी इस वजह से वह पहले तो नाटक का प्रभाव नहीं समझ पाए. जब उन्हें पता चला तो इस नाटक को बैन कर दिया गया. आजादी के बाद ये रचना फिर से सामने आई. अब उसी नाटक को फिर से आधुनिक रूप से खेला जा रहा है.
अनेक बार जेल में गए थे नाटक के लेखक
इस नाटक में 1937 में ही भारत को स्वतन्त्र घोषित कर दिया गया था. परिणामस्वरूप नाटक की पांडुलिपि जब्त कर ली गयी थी. मथुरा प्रसाद दीक्षित स्वयं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे. वे अनेक बार जेल गये थे. इस नाटक के लिखने के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया था.
विदेशों में भी लोकप्रिय हैं संस्कृत के नाटक
संस्कृत नाटक विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं. जर्मनी, फ्रांस और ग्रेट ब्रिटेन में रह रहे भारतीयों ने वहां संस्कृत के नाटकों को करवाने में रुचि दिखाई है. लंदन में तो संस्कृत के नाटक प्रस्तुत भी किया जाना है जो नवंबर में होगा. इसके अलावा देश में भी संस्कृत के नाटकों को लोग करवाने में रुचि दिखा रहे हैं.
प्यार की निशानी है सांका श्याम मंदिर, जहां आज भी नहीं होती गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी
लंदन में होगा संस्कृत का नाटक
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भोपाल परिसर की ओर से लंदन में भी संस्कृत नाटकों प्रस्तुति की जायेगी. लंदन में तीन नाटकों की प्रस्तुति की तैयारी चल रही है जिनमें भगवदज्जुकीयम् हास्य रसप्रधान, वेणीसंहार वीररस प्रधान तथा वृषभानुजा भक्तिरस प्रधान नाटक होंगे. नाट्यदल का नेतृत्व केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो . श्रीनिवास वरखेडी तथा निर्देशन और संयोजन भोपाल परिसर के निदेशक प्रो. रमाकान्त पाण्डेय करेंगे.
संस्कृत को बढ़ावा देने हो रहा नवाचार
उन्होंने बताया कि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए जा रहे हैं. भरत मुनि के नाट्यशास्त्र की एजुकेशन भोपाल में दी जा रही है. पहले 6 महीने का सर्टिफिकट कोर्स होता था लेकिन इस बार से एक साल का डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किया गया है.
हर साल इस तिथि को मनाया जाता है विश्व संस्कृत दिवस
विश्व संस्कृत दिवस हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस साल भारत में यह 12 अगस्त को मनाया जाएगा. इंडो-यूरोपीय भाषाओं के समूह से संबंधित यह प्राचीन भारतीय भाषा यानी संस्कृत भाषा एक सुंदर भाषा है और हजारों सालों से यह श्रेष्ठ भाषा हमारी संस्कृति का अंग बनी हुई है. इसका विदेशों में भी काफी प्रसार हो रहा है.
बहन से राखी बंधाने निकले थे इसरो के वैज्ञानिक, रास्ते से ही हो गए लापता