भोपाल: प्यारे मियां द्वारा यौन शोषण की शिकार नाबालिग की मौत के मामले में जांच तेज हो गई है. एक पीड़िता की मौत के बाद 3 और बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई है. जिनमें से एक का इलाज जेपी अस्पताल में चल रहा है. इधर राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की पांच सदस्यीय टीम बालिका गृह पहुंच गई. टीम ने बालिका गृह में रह रही बच्चियों से पूछताछ की. साथ ही वहां के स्टाफ से भी सवाल किए गए.


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राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की पांच सदस्यीय टीम में आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी,एम्स दिल्ली के एक डॉक्टर और आयोग के  तीन स्पेशलिस्ट शामिल हैं.आयोग की टीम ने पीड़िताओं के परिजनों से भी चर्चा की. जिसमें परिजनों ने उनकी बच्चियों को घर ले जाने की अनुमति मांगी है. उनका कहना है कि बालिका गृह में उनकी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं.


कैदियों की तरह होता है व्यवहार
परिजनों का आरोप है कि बालिका गृह प्रबंधन बच्चियों के साथ कैदियों की तरह व्यवहार करता है. जब परिजन उनसे मिलने जाते हैं तो कैदी की तरह ही मुलाकात कराता है. उनका कहना है कि वे लोग पिछले 6 महीने से अपनी बच्चियों को घर ले जाने की मांग कर रहे हैं.


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बालिका गृह में नाबालिग ने खाई थीं नींद की गोलियां
आपको बता दें कि प्यारे मियां यौन शोषण का शिकार एक पीड़िता ने 20 जनवरी को नींद की गोलियों का ओवरडोज ले लिया था, जिसके बाद 21 जनवरी को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. इसके अगले ही दिन एक और लड़की को सांस लेने में तकलीफ और आंख से खून निकलने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.


SIT कर रही जांच
बालिका गृह में इतना कुछ होने के पीछे का कारण पता लगाने के लिए 22 जनवरी की रात डीजीपी वीके जोहरी ने आईजी महिला की अध्यक्षता में SIT का गठन किया था. बता दें कि डीजीपी ने पूरे मामले की जांच के लिए 10 दिन का समय दिया है, जिसके बाद SIT को उन्हें जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी.


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पूरा मामला
प्यारे मियां पर आरोप है कि वह गरीब घर की बच्चियों को काम के नाम पर बहला-फुसलाकर भोपाल और इंदौर लाता था और उनका यौन शोषण करता था. वह छोटी बच्चियों को अपना शिकार बनाता था. उन्हें अपने मोबाइल में कई रसूखदारों की फोटो, वीडियो दिखाकर डराता था और जान से मारने की धमकी देता था. फिर शराब और बीयर पिलाकर उनके साथ गलत काम करता था.


प्यारे मियां के खिलाफ पॉक्सो कानून की अलग-अलग धाराओं में मामले दर्ज हैं, वन्य अधिनियम और 60 लाख का गबन करने का भी आरोप है. पुलिस का शिकंजा प्यारे मियां पर कसता ही जा रहा है.


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