रतलाम में शनिवार 10 अक्टूबर को जिला अस्पताल के एमसीएच ( मदर एन्ड चाइल्ड केयर यूनिट) में एक परिवार को पहले बेटा थमा दिया, उसके कुछ देर बाद उन्हें बताया गया कि उन्हें बेटा नहीं बेटी हुई है.जिसके बाद प्रसूता के पर्चे को देखा गया तो उसमें भी करेक्शन किया गया था.
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चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम:मध्य प्रदेश आजकल अस्पतालों की लापरवाही को लेकर काफी चर्चा में है. एक बार फिर प्रदेश के रतलाम से अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. इस बार अस्पताल ने बच्चा ही बदल दिया.जिसे लेकर अस्पताल में जमकर बवाल भी हुआ.
आरोप है कि शनिवार 10 अक्टूबर को जिला अस्पताल के एमसीएच ( मदर एन्ड चाइल्ड केयर यूनिट) में एक परिवार को पहले बेटा थमा दिया, उसके कुछ देर बाद उन्हें बताया गया कि उन्हें बेटा नहीं बेटी हुई है.जिसके बाद प्रसूता के पर्चे को देखा गया तो उसमें भी करेक्शन किया गया था.
जिसपर 1 पक्ष ने बच्चा बदलने की शिकायत की है, तो वहीं दुसरे पक्ष का कहना है कि अस्पताल स्टाफ की गलती से हमारा बेटा दूसरे के पास चला गया था.प्रसूता के नाम के कागज टेबल पर इधर-उधर होने से गलती हुई थी. जिस पक्ष को पहले बेटा थमाया गया था अब वह जिद पर अड़े हैं कि बेटा उनका है.अस्पताल स्टाफ की इस लापरवाही से बात DNA जांच तक पहुंच गयी है.
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दरअसल रतलाम जिला शासकीय अस्पताल के एमसीएच यूनिट, ( मदर एन्ड चाइल्ड यूनिट ) में 6 अक्टूबर को 2 प्रसूता मनीषा और सविता का एक समय पर प्रसव हुआ था.पहले पक्ष प्रसूता सविता के परिजनों का कहना है कि अस्पताल स्टाफ ने बेटा होने की बात कही थी, जिसके बाद उसी वक्त परिवार ने रिश्तेदारों में बताया कि बेटा हुआ है. फिर कुछ देर बाद अस्पताल स्टाफ ने नवजात वापस ले लिया और दूसरा नवजात सौंपते हुए कहा की बेटी हुई है. ऐसे में प्रसूता सविता के परिजनों के शंका है.
इधर दूसरे पक्ष प्रसूता मनीषा के परिजनों का कहना है कि अस्पताल स्टाफ की गलती से हमारा बेटा सविता के परिजनों को सौंप दिया गया था. प्रसूताओं की टेबल पर उनके पर्चे अदला बदली होने से गलती हुई थी.अब दूसरा पक्ष इस मामले में जांच करवाने की बात कह रहा है.मामला उलझने के कारण बात पुलिस तक पहुंच गई है, पुलिस अब इस मामले में जांच की बात कह रही है.
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