नई दिल्ली: आज भले ही हम 21वीं सदी में जी रहे हैं लेकिन हमारे आस-पास अब भी कुछ भी ऐसी परंपराएं (Tradition) हैं, जिनके बार में सुनकर आपको भरोसा नहीं होगा. आप सोच में पड़ जाएंगे कि आज के दौर में भी ऐसी बातों पर यकीन किया जाता है. भारत के हर राज्य में कुछ पुराने रीति-रिवाज निभाए जाते हैं. उन्हीं में से एक है हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की मणिकर्ण घाटी के पीणी गांव की एक अजीबोगरीब परंपरा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें: MPPEB MP Jail Prahari Exam: स्थगित हुई जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा, जानें एग्जाम अपडेट


यहां औरतें साल में पांच दिनों तक बिना कपड़ों के रहती हैं. तो चलिए जानते हैं इस परंपरा के बारे में.


सावन में निभाई जाती है यह परंपरा
इस गांव की यह अजीबोगरीब परंपरा सावन के महीने में निभाई जाती है. मान्यता है कि इन पांच दिनों में अगर कोई भी महिला कपड़े पहनती है तो उसके घर में कुछ अशुभ हो सकता है और अप्रिय समाचार सुनाई पड़ सकता है. वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को गांव के प्रत्येक घर में निभाया जाता है.


ये भी पढ़ें:  बुजुर्ग का साहस, तालाब में छलांग लगाकर डूबती हुई कार से निकाल लाए युवक को


इसके पीछे एक कहानी है. गांव के कुछ लोगों का मानना है कि सदियों पहले यहां एक राक्षस सुंदर कपड़े पहनने वाली औरतों को उठा ले जाता था, जिसका अंत इस गांव में देवताओं ने किया. मान्यता है कि लाहुआ देवता आज भी गांव में आते हैं और बुराइयों से लड़ाई लड़ते हैं.


वक्त के साथ हुए हैं बदलाव
हालांकि वक्त के साथ कुछ चीजों में बदलाव किया गया है. अब इस परंपरा को निभाने के लिए महिलाएं पांच दिनों तक कपड़े नहीं बदलती हैं और बेहद ही पतला कपड़ा पहनती हैं. पहले महिलाएं पांच दिनों तक निर्वस्त्र रहती थीं. इन पांच दिनों में गांव के अंदर मांस-मदिरा का सेवन बंद हो जाता है. साथ ही किसी तरह का जश्न, कार्यक्रम और यहां तक कि हंसना भी बंद कर दिया जाता है. महिलाएं इन दिनों खुद को समाज से बिल्कुल अलग कर लेती हैं.


ये भी पढ़ें: JEE मेन जनवरी 2021 एग्जाम नोटिफिकेशन जल्द, यहां जानें पूरी डिटेल्स


ये भी पढ़ें: `भितरघातियों ने हरा दिया, पार्टी इन पर करे कार्रवाई` सिंधिया समर्थक नेता का दर्द छलका


WATCH LIVE TV