डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने रोते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि "हम इतनी मेहनत और जी-जान से कोरोना काल में काम कर रहे हैं और उस पर हमारे साथ बदतमीजी की जाए, यह सही नहीं है.
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भोपालः राजधानी भोपाल स्थित जयप्रकाश अस्पताल में शनिवार को एक मरीज की मौत हो गई. जिससे गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. इस दौरान पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से तीखे सवाल किए. वहीं इस हंगामे और बदसलूकी से व्यथित होकर जयप्रकाश अस्पताल के डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने रोते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि "हम इतनी मेहनत और जी-जान से कोरोना काल में काम कर रहे हैं और उस पर हमारे साथ बदतमीजी की जाए, यह सही नहीं है. मैं ऐसे में काम नहीं कर सकता."
क्या है पूरा मामला
खबर के अनुसार, भीम नगर निवासी तख्त सिंह शाक्य (40 वर्ष) नामक मरीज को सांस में तकलीफ होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मरीज को ऑक्सीजन लगाई गई. मरीज की कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज को दूसरे अस्पताल में ले जाने का दबाव बनाया. परिजनों का कहना है कि मरीज का ऑक्सीजन मास्क भी हटा दिया. इसके बाद शुक्रवार देर रात मरीज की मौत हो गई.
परिजनों ने किया हंगामा
मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने हंगामा कर दिया. इस दौरान पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी मौके पर पहुंचे और डॉक्टरों से तीखे सवाल करने लगे. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि 'जब मरीज को अस्पताल लाया गया था, तब उसके शरीर में ऑक्सीजन लेवल सिर्फ 30 फीसदी था. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में तो भगवान भी नहीं बचा सकते, हम तो इंसान हैं.'
परिजनों के हंगामे और बदसलूकी से अस्पताल के डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव काफी परेशान हो गए और मीडिया से बात करते हुए रोने लगे. उन्होंने कहा कि 'मुझे ये नौकरी नहीं करनी है. कोरोना काल में इतनी मेहनत और जी जान से हम लोग काम कर रहे हैं और उस पर हमारे साथ बदतमीजी की जाए, यह सही नहीं है. डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि मेरी मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि कोरोना मरीजों की देखभाल कर पाऊं. इसलिए मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है'.
सीएम शिवराज ने किया ट्वीट
वहीं सीएम शिवराज ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि 'कोरोना संकट के समय हमारा नैतिक दायित्व है कि हम एक दूसरे का सहयोग करें और कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कोरोना योद्धाओं की अहम भूमिका है. इनका सम्मान आवश्यक है. फ्रंट लाइन वर्कर्स से गलत आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'.