रणदीप सुरजेवाला ने सोशल मीडिया पर लिखा- भाजपा की लाई महंगाई में हर घर बेहाल, रसोई के बजट से बाहर चावल और दाल? उन्होंने आगे लिखा कि 9 महीने में ही दाल के रेट 35% बढ़ गए. चना, उड़द, मसूर दाल होगा और महंगा हो गया. चावल भी 12% महंगा हो गया. अरहर दाल के दाम ₹60 तक बढ़ गए. चना, मसूर, उड़द, मूंग की दालों के दाम ₹20 तक बढ़ गए. चावल के सभी किस्मों के दाम ₹20 तक महंगे.
एक ट्विटर ने कमेंट बॉक्स में लिखा- राहुल गांधी जनता के साथ हैं. जनता की आवाज हैं. मन की बात का कोई मतलब नहीं है. जनता से सिर्फ उसको वोट से मतलब है. दूध दही पर टैक्स हर चीज में महंगाई जनता कैसे रह रही है. जनता का गुजारा कैसे हो रहा है बिना काम धाम के घर कैसे चल रहा है. यह सब को फकीर बना कर छोड़ेगा.
दूसरे यूजर ने लिखा- अरहर, मूंग, मंसूर जैसी दालें गरीब ज्यादा उपयोग करते थे, लेकिन सभी दालें दौ सौ रुपए के लगभग हैं तो गरीब कैसे खरीद लेगा? क्या खाएगा? अब तो नमक के साथ ही रोटी खाएगा. सब्जी, दालें सभी महंगी है. सामान्य नागरिक इस महंगाई से दुःखी है.
एक अन्य फॉलोअर ने लिखा- महंगाई बेलगाम घोड़े की तरह दौड़ रही है और मोदी सरकार को जनता की कोई चिंता नहीं है. खाने की सामग्री बहुत महंगी हो गई है. जनता रसोई की सामग्री में कटौती कर रही है. गरीब आदमी सब्जी की अपेक्षा दाल का उपयोग कर लेते थे, लेकिन सभी दालों के दाम उच्च स्तर पर है. गरीब खरीद नहीं सकता है.
आगे एक और यूजर ने जवाब देते हुए लिखा- अगर आप थोड़े भी पढ़े लिखे हैं तो अपको समझ में आ जाता महंगाई क्यों बढ़ रही है. महंगाई बढ़ रहीं हैं मौसम से वजह से क्यूंकि इस बार कभी भी बारिश हो रही है कभी भी धूप निकल रहीं हैं और यही मुख्य कारण हैं महंगाई का.
एक और यूजर ने पलटवार करते हुए लिखा- गरीबों के हक पर भी कांग्रेस नेताओं ने डाका डाल रखा था. जनहितैषी योजनाओं को बंद कर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने केवल घोटाले किये.
आखिर में एक और यूजर ने लिखा- मुख्यमंत्री बनते ही कमीशन नाथ ने जनता के पैसों का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री निवास और अपने खास मंत्रियों के बंगलों को चमकाने के लिए 38 करोड़ रुपये पानी में बहा दिये, क्योंकि ठेकेदारों से इनका कमीशन बना हुआ था.
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