Dhar News: मध्य प्रदेश के धार जिले में दो भाइयों का आम का बगीजा चर्चा में रहता है, क्योंकि इस बगीजे में देश-विदेश के करीब 90 से ज्यादा वैरायटी के आम मिलते हैं.
धार जिले के राजपुरा गांव में दो सगे भाइयों ने अफगानिस्तान का अमरापुरी और मेक्सिको का पर्पल आम का विशेष उत्पादन किया है. दोनो भाइयों ने वर्तमान में लगभग 20 बीघा जमीन में अपने-अपने आम के बगीचे लगाएं हैं.
आम के बगीचे लगाने के पीछे उनकी प्रेरणा उनके पिताजी रहे हैं, पिताजी प्रकृति प्रेमी थे और आम और जाम की फसलें पैदा करते थे, लिहाजा इन दोनों भाइयों ने भी आम की अलग-अलग वैरायटी देशभर में घूमकर जमा की है. उनके बगीजे में देश दुनिया के 90 से अधिक वैरायटी के आम हैं.
राजपुरा के किसान जगदीश चंद्र आगलेचा की मानें तो आम की फसल उनके बगीचे से ही बिक जाती है, फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है. बगीचे में मौजूद फलों के लिए पेड़ों को केवल जैविक खाद ही दिया जाता है किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद का इस्तेमाल यहां नहीं होता है.
दोनों किसान भाइयों के बगीजे में 1000 से भी ज्यादा आम के पेड़ हैं, दोनों ने देश की अलग-अलग नर्सरियों से यह पौधे इक्कठे किए थे. दोनों ने एक-एक पेड़ का पूरा ध्यान रखा है. जिसके चलते यह बगीजा जिलेभर में प्रसिद्ध है.
यहां अफगानिस्तान का अमरापुरी फेमस आम भी मिलता है. इस आम का वजन पकने पर 5 किलो के लगभग होता है किसान का दावा है कि यह विश्व का सबसे अधिक वजनी आम है और यह 5 हजार रुपए किलो तक बिकता है. जिससे हर साल लाखों के आम बिकते हैं.
इस बगीजे में मुख्य रुप से फजली इलाहाबाद ,चौसा आम हिमाचल प्रदेश, अमृता लखनऊ, केसर जूनागढ़, लंगड़ा यूपी, सनसेशन, मल्लिका, हल्दीघाटी, अमरापुरी, गुलाबकेशर, आम्रपाली, गुजरात का हापुस, हिमाचल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों से और विदेशों की भी कई वैरायटी आ इनके बगीचे में मौजूद है. धार से कमल सिंह सोलंकी की रिपोर्ट.
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