रतलाम में 7वीं में पढ़ने वाले बच्चे ने इंटरनेट की मदद से अपने किसान पिता को बड़ी समस्या से छुटकारा दिलाया है. इस बच्चे ने एक ऐसा उपकरण बनाया है, जिससे उसके पिता को खेत में खड़ी फसल को बरबाद कर रही नीलगाय को भगाने के लिये उनके झुंड के करीब जाने का जोखिम नहीं उठाना पड़ता है.
रतलाम जिले के गांव बरवनखेड़ी में एक किसान पिता विक्रम सिंह के बेटे विकास ने मोबाइल और इंटरनेट का सदुपयोग कर अपने पिता की बड़ी मदद की है. यह उपकरण एक प्रकार से गन की तरह काम करता है. लेकिन इससे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. यह एक प्लास्टिक की साउंड गन है जिससे जोरदार आवाज से दूर तक दिखाई दे रहे नीलगाय झुंड डर से भाग जाते हैं.
किसान विक्रम सिंह ने बताया कि उनका बेटा विकास लॉकडाउन में चलते स्कूल बंद हो गए तो वह घर पर ही पढ़ाई कर रहा था. इस दौरान उसे जो भी समय मिलता था वह अपने पिता के साथ खेती में भी हाथ बंटाता था. उसने अपने पिता को परेशानी से झुझते हुए देखा. नीलगाय उसके पिता की सारी फसल नष्ट कर देती थी. जिसके चलते उसके पिता को दिन-रात खेत में ही रहना पड़ता था.
ऐसे में विकास ने मोबाइल पर इंटरनेट की मदद ली और एक ऐसा उपकरण ढूंढ निकाला जिसका उपयोग जोखिम वाला भी नही है और आसानी से कम मेहनत से ही नीलगाय के झुंड को दूर तक भगाया जा सकता है. विकास ने इसके लिए पिता की मदद लेते हुए इस उपकरण को तैयार किया.
विकास ने बताया कि उसने प्लास्टिक के 2 अलग-अलग आकार के लंबे पाइप से एक गन की तरह दिखने वाली आकृति तैयार की.इस मे गेस वेल्डिंग में काम आने वाला कार्बेट का उप्योग किया. जिसमे कार्बेट को कुछ बूंद पानी में भिगोकर रिएक्शन से निकली गैस में लाइटर की चिंगारी से धमाका किया जाता है.
इसमें बहुत मामूली विस्फोट होता है. लेकिन 2 पाइप के इस आकृति के कारण इसकी आवाज काफी तेज आती है. जिससे दूर से खेत के करीब आने से पहले ही नीलगाय का झुंड भाग खड़ा होता है,
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