होशंगाबाद में एक कुत्ते के असली मालिक का पता लगाने के लिए पुलिस ने उसका डीएनए टेस्ट कराने के लिए सैंपल लिए थे. लेकिन पुलिस के पास फंड की कमी होने के चलते कुत्ते का डीएनए टेस्ट नहीं हो पा रहा. ऐसे में उसका असली मालिक कौन है इसका पता लगाने में फिर परेशानी हो रही है.
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होशंगाबादः पिछले दिनों होशंगाबाद के देहात थाने में एक लैब्राडोर डॉग पर दो लोगों ने अपना हक जताया था. लिहाजा कुत्ते के असली मालिक का पता करने के लिए उसका डीएनए टेस्ट कराए जाने का मामला सामने आया था. लेकिन बताया जा रहा है कि कुत्ते का डीएनए टेस्ट कराने के लिए पुलिस के पास पैसे नहीं है. ऐसे में कुत्ता अपने असली मालिक के पास कैसे पहुंचेगा यह थोड़ा मुश्किल हो गया है.
पुलिस के पास फंड की कमी
कुत्ते की डीएनए टेस्ट कराने में करीब 30 हजार रुपए का खर्च आ रहा है. लेकिन पुलिस के पास फंड की कमी होने के चलते वह डीएनए टेस्ट नहीं करा पा रही है. फिलहाल लेब्राडोर डॉग अभी पुलिस के कब्जे में ही है.
डीएनए के लिए ले लिए गए थे सैंपल
बता दे कि कुत्ते का डीएनए टेस्ट कराए जाने के लिए सैंपल पहले ही लिए जा चुके हैं. इन सैंपल को हैदराबाद की लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाना था. लेकिन फंड नहीं होने के चलते सैंपल को फ्रिज में रख दिया गया है. ताकि वे खराब न हो सके.
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एक मालिक पैसे देने को तैयार
हालांकि कुत्ते पर अपना हक जता रहे शादाब खान ने डीएनए टेस्ट कराए जाने के लिए 30 हजार रुपए दिए जाने की बात कही है. उनका कहना है कि कुत्ते का पिता पचमढ़ी में है इसकी जानकारी भी उसने पुलिस को दी थी. लिहाजा पुलिस ने दोनों के सैंपल ले लिए हैं. लेकिन पैसा नहीं होने के चलते अब टेस्ट कराए जाने में देरी हो रही है. लेकिन कुत्ते का डीएनए टेस्ट कराए जाने के लिए वे पैसे देने को तैयार है.
तीन महीने पहले गायब हुआ था कुत्ता
होशंगाबाद के देहात थाने में कुत्ते पर मालिकाना हक जताने के लिए जमकर विवाद हुआ. होशंगाबाद के रहने वाले शादाब खान का दावा था कि तीन महीनें पहले उनका लैब्राडोर कुत्ता जिसे वह कोको के नाम से बुलाते थे वह गायब हो गया था. जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई. कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि उनका कुत्ता मालखेड़ी में कृतिक शिवहरे के पास है. जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी. पुलिस ने जब कृतिक से बात की तो उनका कहना था कि यह उनका कुत्ता है जिसे वे टाइगर कहते हैं. बस इसी बात पर दोनों लोगों में जमकर बहस हुई. लिहाजा पुलिस ने कुत्ते के असली मालिक का पता लगाने के लिए उसका डीएनए टेस्ट कराए जाने की तैयारी की थी. लेकिन फंड की कमी होने के चलते डीएनए टेस्ट अटक गया है.
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