भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा जीवन! 30 हफ्ते की मजदूरी नहीं दी तो आर्थिक तंगी से परेशान मजदूर ने की आत्महत्या
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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा जीवन! 30 हफ्ते की मजदूरी नहीं दी तो आर्थिक तंगी से परेशान मजदूर ने की आत्महत्या

सरकार की योजनाओं में भ्रष्टाचार के कारण मजदूरी करने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं हो रहा है. ऐसे में आर्थिक तंगी से जीवन गुजारा करने में असमर्थ लोग अपनी जान तक दे रहे हैं. 

सांकेतिक तस्वीर

महासमुंद: सरकार की योजनाओं में भ्रष्टाचार के कारण मजदूरी करने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं हो रहा है. ऐसे में आर्थिक तंगी से जीवन गुजारा करने में असमर्थ लोग अपनी जान तक दे रहे हैं. ताजा मामला महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के खल्लारी ग्राम पंचायत का है. जहां मृतक के परिवार के लोगों ने रोजगार गारंटी में पिछले साल और इस साल 30 सप्ताह काम किया. लेकिन मजदूरी नहीं मिलने से परेशान एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. 

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दरअसल सरकार आम गरीबों के लिए अनेकों योजनाएं चला रही है. ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर काम मिल सके. इस योजना के तहत गांव-गांव में रोजगार गारंटी में लोगों को काम दिया जा रहा है. और स्थानीय लोग रोजगार गारंटी में काम भी कर रहे हैं. लेकिन रोजगार गारंटी के रोजगार सहायक की बदमाशी और मनमानी से पिछले दो साल से मजदूरों का मजदूरी भुगतान नहीं हो पाया है. लोग इस योजना में काम करने के बाद ग्राम पंचायत, रोजगार सहायक और सरपंच के चक्कर लगाते हुए परेशान हो होते हैं. मजदूरी की राशि नहीं मिलने के कारण आर्थिक रूप से परेशान एक युवक ने इसी के चलते आत्महत्या कर ली.

सुसाइड स्टेट्स में ये लिखा
मृतक ने मौत से पहले अपने व्हाट्सअप स्टेटस में लिखा "मेरे घर के पैसा खा देने के कारण रोजगार गारंटी का कुंदन साहू की वजह से मैं सुसाइड कर रहा हूँ. मेरा बहुत बेज्जती हुआ है सॉरी भाइयों...''

दूसरो के खाते में डाले पैसे
मृतक टिकेश्वर यादव आर्थिक रूप से बेहद गरीब परिवार का था. घर की माली हालत इतनी खराब है कि उनका घर कच्चे का है. छत भी घास की बनी हुई है. पिता की मृत्यु हो चुकी है. परिवार में बूढी मां तीन भाई और एक बहन है. परिवार के लोग मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं. जीवन चलाने के लिए मृतक के भाई हेमंत यादव और बहन वीणा यादव ने ग्राम पंचायत खल्लारी में चले रोजगार गारंटी में तालाब गहरी करण में 2020 और 2021 में 30 हफ्ते तक काम किया. जिसका मजदूरी भुगतान लगभग 28 हजार मिलना था. लेकिन काम करने के बाद भी इनको मजदूरी नहीं दिया गया. बल्कि इनकी मजदूरी भुगतान की राशि किसी दूसरे लोगों के खाते में डाला गया. मृतक ने अपने परिवार के पैसे का काम कर रहे कुंदन साहू से कई बार मांगा लेकिन सहायक का काम कर रहे कुंदन ने तारीख पर तारीख देता रहा और मृतक को धमकता रहा. 

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पैसे देते तो घटना नहीं होती
रोजगार गारंटी के रोजगार सहायक रोहितदास ने बताया कि मैं खल्लारी ग्राम पंचायत के अतिरिक्त प्रभार पर हूं. फरवरी माह से मुझे यहां का अतिरिक्त प्रभार मिला है. काम कुंदन साहू करवाया है. वीणा यादव और हेमंत के मजदूरी का पैसा किसी संदीप और ऋचा नाम के अकाउंट में गया है. मैंने चेक करवाया है. इसके लिए मीटिंग भी रखा गया था, लेकिन मेट कुंदन साहू इनको पैसा देने की बात कहा था, पर दिया नहीं. उनका पैसा दे दिया होता तो ये घटना नहीं होती.

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