मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा ने कहा है कि अगर बहुमत नहीं आया तो इसकी जिम्मेदारी शिवराज सिंह चौहान की होगी.
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मंदसौर : पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे मंगलवार को आ जाएंगे. लेकिन उससे पहले ही मध्यप्रदेश बीजेपी में नाराजगी के सुर उभरने लगे हैं. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के बाद अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर ही निशाना साध दिया है. इससे पहले बाबूलाल गौर भी बगावती तेवर दिखा चुके हैं. अब रघुनंदन शर्मा ने चुनाव परिणाम से पहले ही अपनी ही पार्टी के सीएम पर निशाना साधा है.
मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा ने कहा है कि अगर बहुमत नहीं आया तो इसकी जिम्मेदारी शिवराज सिंह चौहान की होगी. रघुनंदन शर्मा ने शिवराज के माई का लाल वाले बयान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा- यदि ऐसे दम्भ भरे शब्द, जिनमें चुनौती अहंकार झलकता है, वह नहीं बोलते तो 1-2 परसेंट वोट की कमी रह सकती थी. मप्र मे एक परसेंट वोट की कमी मतलब 10 सीटों का कम होना. यदि हम उस शब्द के लिए खेद व्यक्त कर लेते या उस समाज को समझा लेते तो हम उस क्षति की पूर्ति कर लेते.
सरताज और बाबा ने किया बड़ा नुकसान : गौर
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और कांग्रेस के निवर्तमान विधायक आरिफ अकील के बीच हुई मुलाकात ने राजनीति के गलियारों में गर्माहट ला दी है. सामने आए वीडियो में गौर मान रहे हैं कि भाजपा से बगावत करने वाले पूर्व मंत्री सरताज सिंह और डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया (बाबा) ने पार्टी (भाजपा) को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. पूर्व मुख्यमंत्री गौर के आवास पर अकील की मुलाकात गुरुवार की शाम को हुई. इस दौरान मीडिया के कैमरों में सारी बातचीत रिकॉर्ड हो गई और वह सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है. इस बातचीत में अकील भाजपा के कुछ नेताओं पर तंज कस रहे हैं और कह रहे हैं कि महापौर व मंत्री बनने से कुछ नहीं होता, जिस इलाके में वह रहते हैं वहां कांग्रेस जीत रही है.
इस मौके पर गौर कह रहे हैं, "हमारी बहू को टिकट मिल गया, नहीं तो हालात दूसरे हो जाते. सरताज और कुसमारिया को टिकट नहीं दिया तो बड़ा नुकसान किया है दोनों ने." आरिफ अकील भोपाल उत्तर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं गौर की पुत्रवधू कृष्णा गौर को भाजपा ने गोविंदपुरा से उम्मीदवार बनाया. सरताज सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा और होशंगाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा डॉ. कुसमारिया दो विधानसभा क्षेत्रों- दमोह और पथरिया से भाजपा से बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.