जिले के बडायला और इटावा खुर्द के अतिथि शिक्षक कृष्णा राठौर, दीपेंद्र पडियार ने बताया कि मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद से उन्हें मानदेय नहीं दिया गया है. जिसकी वजह से उन्हें मजदूरी करना पड़ रहा है. अतिथि शिक्षकों ने कहा कि अब पड़ोस के राशन दुकानों पर भी अधिक उधार हो गया है, जिसकी वजह से उन्हें उधार का राशन भी मिलने में दिक्कत आ रही है.
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चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम: कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लॉकडाउन के बाद से अब तक जिले के अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया. जिसकी वजह से उनकी आर्थिक हालत दयनीय हो गई है. आलम यह है कि अतिथि शिक्षकों को अब परिवार और खुद का पेट पालने के लिए खेतों में काम और मजदूरी करना पड़ रहा है. करीब 6 महीने का रुका हुआ वेतन अतिथि शिक्षकों मिल सके, इसके लिए उन्होंने सीएम शिवराज से भी गुहार लगाई है.
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जिले के बडायला और इटावा खुर्द के अतिथि शिक्षक कृष्णा राठौर, दीपेंद्र पडियार ने बताया कि मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद से उन्हें मानदेय नहीं दिया गया है. जिसकी वजह से उन्हें मजदूरी करना पड़ रहा है. अतिथि शिक्षकों ने कहा कि अब पड़ोस के राशन दुकानों पर भी अधिक उधार हो गया है, जिसकी वजह से उन्हें उधार का राशन भी मिलने में दिक्कत आ रही है.
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6 महीनों से रुका हुआ वेतन मिल सके, इसलिए अतिथि शिक्षकों ने सीएम शिवराज से भी गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द अतिथि शिक्षकों का रुका हुआ वेतन जारी करना चाहिए और उन्हें नियमित भी करना चाहिए. इसके अलावा कई अतिथि शिक्षकों ने सरकार को ज्ञापन भी सौंपा.
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